Festival Of Ganesh Chaturthi : कैथल में श्रद्धालुओं ने मंदिरों, घरों और सार्वजनिक स्थलों पर गणपति की प्रतिमा को पूजा अर्चना के साथ किया

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कैथल में विराजित भगवान गणैश जी की प्रतिमा।
कैथल में विराजित भगवान गणैश जी की प्रतिमा।
  • गणपति जी की इस प्रतिमा का नौ दिनों तक सुबह शाम पूरे विधि विधान से किया जाता है पूजन

Aaj Samaj (आज समाज), Festival Of Ganesh Chaturthi, मनोज वर्मा, कैथल:
गणेश चतुर्थी के पावन त्यौहार को लेकर आज कैथल के श्रद्धालुओं में बड़ी श्रद्धा और उत्साह देखा गया। श्रद्धालुओं ने मंदिरो , घरो और सार्वजनिक स्थलों पर गणपति की प्रतिमा को पूजा अर्चना के साथ स्थापित किया गया। कैथल के सर्राफा बाजार में महाराष्ट्र के कारीगरों और श्रद्धालुओं के सर्राफा बाजार सेवा मंडल द्वारा 27 वां गणेश महोत्सव को धूमधाम से मनाने की तैयारियां की गई।

गणेश जी का नौ दिनों तक सुबह शाम पूरे विधि विधान से पूजन

कैथल शहर के सर्राफा बाजार को भव्य ढंग से सजाया गया। गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है। किन्तु महाराष्ट्र व कर्नाटका में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। गणपति जी की इस प्रतिमा का नौ दिनों तक सुबह शाम पूरे विधि विधान से पूजन किया जाता है। बड़ी संख्या में लोग सुबह शाम गणपति महाराज के दर्शन करने और पूजा अर्चना करने मंदिरो और गणपति स्थापना स्थल पर आते है।

गणपति स्थापना के नौ दिन बाद ढोल ढमाको के साथ श्रद्धालु नाचते झूमते हुए गणेश प्रतिमा को किसी तालाब, महासागर इत्यादि जल में विसर्जित किया जाता है। गणेश जी को लंबोदर के नाम से भी जाना जाता है । धार्मिक ग्रथो के अनुसार देवताओं ने गणेश जी की पूजा की थी। इसलिए हर मांगलिक काम और पूजा-पाठ में नकारात्मक शक्तियों की रुकावटों से बचने के लिए विघ्नेश्वर गणेश जी की पूजा की जाती है। इस उत्सव की शुरूआत शिवा जी महाराज के बाल्य्काल में उनकी माँ जीजा बाई द्वारा की गई थी। आगे चलकर पेशवाओं ने इस उत्सव को बढ़ाया और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने इसे राष्ट्रीय पहचान दिलाई।

गणपति की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं होती है पूर्ण

गणेश चतुर्थी के पावन त्यौहार के अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए पुजारी विकास , पंडित राजीव शर्मा, हनुमान मंदिर के पुजारी मुकेश पाण्डे,खाटू श्याम मंदिर के पुजारी मोहन लाल शर्मा ने कहा कि हिन्दू धर्म में भगवान गणपति जी महाराज की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। देवी देवताओं द्वारा भी भगवान् गणेश को सर्वप्रथम पूजने को अति शुभ और मंगलकारी माना गया। इस लिए श्रद्धालु हर शुभ काम से पूर्व भगवान गणपति की पूजा अर्चना करते है। ताकि उन के कार्य में कोई विघ्न न हो। श्रद्धालुओं ने कहा कि भगवान गणपति की पूजा अर्चना करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

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