नई दिल्ली। महिला स्व-सहायता समूहों के लिए ब्याज सब्सिडी कार्यक्रम का सभी जिलों में विस्तार किया जाएगा। जन-धन बैंक खाते वाली स्व-सहायता समूह की प्रत्येक महिला सदस्य को 5,000 रुपये के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी और मुद्रा योजना के तहत प्रत्येक स्व-सहायता समूह की एक महिला सदस्य 1,00,000 रुपये तक का कर्ज प्राप्त कर सकेगी। सरकार, देश की विकास प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहती है।
केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामण ने शुक्रवार को लोकसभा में 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि भारत की विकास गाथा में और विशेषकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका एक सुखद अध्याय है। वित्तमंत्री ने इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए मूल्यांकन और कार्य योजना सुझाने के लिए सरकार और निजी हित धारकों के साथ विस्तृत आधार वाली समिति गठित करने का प्रस्ताव किया।
वित्तमंत्री ने कहा कि महिलाओं की व्यापक भागीदारी से ही भारत तेजी से विकास कर सकता है। उन्होंने इस संदर्भ में स्वामी रामकृष्ण परमहंस को स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखे गए पत्र का उल्लेख करते हुए कहा, “नारी की स्थिति सुधारे बिना संसार का कल्याण नहीं हो सकता। किसी पक्षी के लिए एक पंख से उड़ना संभव नहीं है।” यह सरकार मानती है कि हम महिलाओं की और अधिक भागीदारी से ही प्रगति कर सकते हैं।
वित्तमंत्री ने जन-धन बैंक खाताधारी प्रत्येक महिला एसएचजी सदस्य को 5,000 रुपये के ओवरड्राफ्ट की अनुमति देने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों के लिए ब्याज सब्सिडी कार्यक्रम का विस्तार सभी जिलों में करने का भी प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला एसएचजी में एक महिला सदस्य को मुद्रा योजना के अंतर्गत एक लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि सरकार ने मुद्रा, स्टैंड अप इंडिया और स्व-सहायता समूह (एसएचजी) के माध्यम से महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की व्यवस्था की है।