मांसपेशियों में सिकुडऩ, मांसपेशियों की थकान, ज्यादा चलना, मांसपेशियों में तनाव पैदा करने वाला व्यायाम, घुटनों, कूल्हों और पैरों में सही रक्त प्रवाह न होना, पानी की कमी, सही डाइट न लेना, खाने में कैल्शियम और पोटाशियम जैसे मिनरल्स और विटामिन्स की कमी होने से पैरों में निरंतर दर्द रहने लगता है।
पैरों में दर्द होना तो आम बात है। महिलाओं में खाना बनाने, घर की सफाई करने, कपड़े धोने के दौरान लंबे समय तक पैरों को मोड़े रखने और कामकाजी महिलाओं द्वारा बस में खड़े होकर लंबी दूरी तय करने जैसे दैनिक कामों का असर भी इस दर्द के रूप में सामने आ सकता है। वहीं ऊंची एड़ी के फुटवियर को लगातार लाइफ स्टाइल का हिस्सा बनाना दर्द की वजह बनता है।
कारण भले ही कोई भी रहे पर लगातार रहने वाले पैरों के इस दर्द को नॉर्मल समझ कर इसको एवॉयड करना ठीक नहीं क्योंकि यह अनदेखी आपको बड़ी पीड़ा का सामना करने पर भी मजबूर कर सकती है। इससे पहले कि पैरों का दर्द आपको हर काम से महरूम कर बिस्तर पर ले आए, इस पर जल्द ही काबू पा लेना बेहतर होगा।
यूं तो दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर को दिखा कर दवा अवश्य लें परंतु अपने रोजमर्रा के जीवन में बदलाव लाकर भी आप पैरों के दर्द से निजात पा सकती हैं।
अपनी पानी पीने की आदत पर ध्यान दें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं क्योंकि यह मांसपेशियों की सिकुडऩ और पैरों के दर्द को कम करता है। यदि आप जिम जाती हैं या एक्सरसाइज और वॉक करती हैं तो उससे पहले भी सही मात्रा में पानी पीएं। यह शरीर को पूरी तरह हाइड्रेट रखता है।
फलों के जूस का सेवन करें, संतुलित और पौष्टिक भोजन लें। हरी सब्जियां, गाजर, केले, मेवे, अंकुरित मूंग, सेब, संतरा और अंगूर आदि को अपने खाने में शामिल करें। दूध से बने प्रोडक्ट्स ज्यादा लें, पनीर, दही के अलावा सोयाबीन और सलाद वगैरह से भरपूर विटामिन मिलेंगे। अपने खाने में ऐसी चीजों की मात्रा बढ़ाएं जिनमें कैल्शियम और पोटाशियम ज्यादा मात्रा में हो।