बीते माह वृद्धि दर घटकर 2.9 प्रतिशत रही जोकि पिछले पांच माह में सबसे ज्यादा कम

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाने वाले इन्फ्रा सेक्टर के लिए बीता माह यानि की फरवरी अच्छा साबित नहीं हुआ। शुक्रवार को जो आंकड़े जारी किए गए हैं उनके अनुसार देश के इन्फ्रा सेक्टर की विकास दर पिछले पांच माह के अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई और यह मात्र 2.9 दर्ज की गई। ज्ञात रहे कि इस इन्फ्रा सेक्टर में देश के आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की विकास दर को जांचा गया जोकि फरवरी में घटकर पांच महीने के निचले स्तर 2.9 प्रतिशत पर आ गई, जबकि एक साल पहले इसी माह में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल के उत्पादन ने किया निराश

मासिक आधार पर, इन क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि दर जनवरी में दर्ज 5.1 प्रतिशत की वृद्धि से कम रही। इससे पहले विकास दर 2.4 प्रतिशत सितंबर में दर्ज की गई थी। फरवरी माह में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और बिजली की उत्पादन वृद्धि क्रमश: 1.7 प्रतिशत, 0.8 प्रतिशत, 5.6 प्रतिशत और 2.8 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वर्ष फरवरी में यह 11.6 प्रतिशत, 2.6 प्रतिशत, 9.4 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत थी।

अक्टूबर से दिसंबर तिमाी में बढ़ा चालू खाता घाटा

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बताया कि अक्तूबर से दिसंबर तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा बढ़ गया है। इसका मुख्य कारण व्यापार घाटे में इजाफा है। वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में चालू खाता घाटा 11.5 बिलियन डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.1% रहा, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 10.4 बिलियन डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.1% था। आरबीआई ने कहा कि इस वर्ष जुलाई-सितंबर में घाटा संशोधित 16.7 बिलियन डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.8% था।

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