(Fatehbad News) रतिया। शहर के बुढलाडा रोड स्थित जैन समाधि प्रांगण में आनंदम (आनंद का महासागर) संस्था द्वारा आयोजित प्रथम एवं द्वितीय स्तर के संयुक्त तीन दिवसीय “उत्सव एवं समाधि” शिविर का समापन बड़े हर्षोल्लास वातावरण मे हुआ। इस दौरान साधकों को लातीहान,भंवरा गुजंन,कंपन आदि ध्यान प्रयोगों का अभ्यास कराते हुए स्वामी आलोक जी ने कहा कि नाम का प्याला मंत्र नहीं,जिसको आप जप रहे हैं। नाम का प्याला वह है जिसको मीरा राम रत्न धन कहती है। एक मंत्र परमात्मा का चौबीस घंटे शब्द स्वरुपी राम आपके भीतर चल रहा है,जिसको संत नाम,गुरुनानक देव जी एक ओंकार सतनाम,वेद ओम एवं मध्य युग के संत शब्द कहते हैं। जीवन में गुरु का होना जरुरी है।
तीन दिवसीय आनंदम “उत्सव व समाधि” शिविर सम्पन्न
गुरू ही मोक्ष के दरवाजे तक लेकर जाता है। स्वामी जी ने “ऐसी प्रीत करो मन मेरे,आठ पहर प्रभु जानो नेडै”,”सब गोविंद है,सब गोविंद है। गोविंद बिन नहीं कोई,गोविंद बिन नहीं कोई।।”आदि शब्दों की व्याख्या कर गहरी समाधि में डूबने की कला सिखाई। शिविर के प्रतिक्रिया सत्र में शरीर व मन पर तीन दिन के अंदर हुए बदलाव पर साधकों ने अपने जबरदस्त अनुभव सांझा किए। वहीं दूसरी ओर हर कोई शिविर का हिस्सा बनकर बेहद ख़ुश नज़र आया। शिविर के अंतिम पलों में प्रवक्ता सुरेश मंगला ने उपस्थित साधकों एवं स्वामी आलोक जी का आभार व्यक्त करते हुए जानकारी दी कि अगले प्रथम तल के ध्यान शिविर 16 अगस्त से 18 अगस्त अहमदाबाद (गुजरात),23 अगस्त से 25 अगस्त नागपुर (महाराष्ट्र) एवं 30 अगस्त से 1 सितम्बर को हनुमानगढ (राज.) में आयोजित किए जाएंगें। शिविर में लगभग 200 स्थानीय एवं आसपास के गांवों व शहरों के साधकों सहित आनंदम मैत्रीसंघ के अनेक सदस्य उपस्थित थे।