Fatehabad News : राष्ट्रीय एकता और भाईचारे का संदेश देता है वीर बाल दिवस : डॉ. कान्ता सिंगला

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Fatehabad News : राष्ट्रीय एकता और भाईचारे का संदेश देता है वीर बाल दिवस : डॉ. कान्ता सिंगला
एमएम कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते प्राचार्य व अन्य वक्ता।
  • एमएम कॉलेज में मनाया गया वीर बाल दिवस, साहिबजादों के बलिदान को किया याद

(Fatehabad News) फतेहाबाद। वीर बाल दिवस पर साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए मनोहर मैमोरियल कॉलेज में वीर बाल दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कॉलेज की एनएसएस ब्वॉयज व गल्र्ज यूनिट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर पंजाबी विभाग से डॉ. कान्ता सिंगला ने भाग लिया वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने की।

एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. प्रतिभा मखीजा व डॉ. विकेश सेठी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए वीर बाल दिवस बारे विस्तार से जानकारी दी। सर्वप्रथम कॉलेज स्टाफ सदस्यों और विद्यार्थियों ने गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह को नमन किया।

दसवें गुरु श्री गोबिंद सिंह जी ने साल 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ. कान्ता सिंगला ने कहा कि सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गोबिंद सिंह जी ने साल 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। इनके चार बेटे अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह भी खालसा का हिस्सा थे। उस समय पंजाब में मुगलों का शासन था। साल 1705 में मुगलों ने गुरु गोबिंद सिंह जी को पकडऩे पर पूरा जोर लगा, जिसके कारण उन्हें अपने परिवार से अलग होना पड़ा।

इसलिए गुरु गोबिंद सिंह जी की पत्नी माता गुजरी देवी और उनके दो छोटे पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह अपने रसोइए गंगू के साथ एक गुप्त स्थान पर छिप गईं। लेकिन लालच ने गंगू के आंखों पर पट्टी बांध दी और उसने माता गुजरी और उनके पुत्रों को मुगलों को पकड़वा दिया। मुगलों ने इन खूब अत्याचार किए और उन्हें उनका धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर करने लगे, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ मना कर दिया।

इस समय तक गुरु गोबिंद सिंह जी के दो बड़े पुत्र मुगलों के खिलाफ लड़ाई में शहीद हो चुके थे। अंत में मुगलों ने 26 दिसंबर के दिन बाबा जोरावर साहिब और बाबा फतेह साहिब को जिंदा दीवार में चुनवा दिया। उनकी सहादत की खबर सुनकर माता गुजरी ने भी अपने प्राण त्याग दिए।

बलिदान को याद करने के लिए साल 2022 में भारत सरकार ने हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की

गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों के इस बलिदान को याद करने के लिए साल 2022 में भारत सरकार ने हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की। प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें राष्ट्रीय एकता और भाईचारे का संदेश देता है।

इन साहिबजादों ने सभी धर्मों के लोगों को एकजुट होने का संदेश दिया था। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भी वीर बाल दिवस पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्रो. मनप्रीत सिंह, प्रो. पाला व प्रो. वारिस भी मौजूद रहे।

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