Fatehabad News : पीठासीन और वैकल्पिक पीठासीन अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम

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Training Programme for Presiding and Alternate Presiding Officers
स्थानीय डीपीआरसी हॉल में पीओ व एपीओ के प्रशिक्षण कार्यक्रम में चुनाव की बारीकियों को समझाते मास्टर ट्रैनर।
(Fatehabad News) फतेहाबाद। आगामी पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत सोमवार को स्थानीय डीपीआरसी भवन में पीठासीन और वैकल्पिक पीठासीन अधिकारियों (एपीओ) को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान चुनाव प्रक्रिया से जुड़े उनके सवालों का जवाब दिया गया और पूर्ण निष्ठा से चुनाव संपन्न कराने की अपील की गई। प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी एवं जिला परिषद के सीईओ सुरेश कुमार ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी पीओ और एपीओ से अपील की कि वे निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव करवाने के लिए अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से कार्य कुशलता में दक्षता आती है। इसलिए अपना सही से प्रशिक्षण प्राप्त करे ताकि मतदान करवाने में किसी की प्रकार की कोई दिक्कत ना हो।
उन्होंने कहा कि पीओ को मतदान से एक दिन पूर्व यानि चार अक्टूबर को पोलिंग पार्टी के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचना जरूरी है। उन्हें वीवीपैट को ले जाते समय उसे ट्रासपोर्ट मोड में रखना होगा। मतदान केंद्र पर पहुंच कर वहां अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार, पर्याप्त रोशनी आदि व्यवस्था को सुनिश्चित करना होगा। वोटिंग कंपार्टमेंट इस ढंग से बनाया जाये कि वह खिडक़ी के पास न हो, वीवीपैट पर बल्ब आदि की सीधी रोशनी न पड़े। पोलिंग एजेंट के बैठने की व्यवस्था इस ढंग से हो कि मतदान की गोपनीयता पर असर न पड़े। उन्होंने कहा कि मतदाता की उंगली पर अमिट स्याही से निशान लगाया जाये। हाथ न होने पर कोहनी या पैर की अंगुली पर स्याही लगाई जा सकती है।

एजेंट को एंट्री पास देना जरूरी:

उन्होंने कहा कि प्रत्याशी अथवा उसके चुनाव एजेंट की तरफ से नियुक्त पोलिंग एजेंट उस हलके का मतदाता होना जरूरी है। पीओ की यह जिम्मेदारी है कि एजेंट के नियुक्ति पत्र (फार्म नंबर 10) पर किये गये दस्तखत का सूची में प्रत्याशी के हस्ताक्षर से मिलान करे। विधायक, सांसद, मंत्री, सरकारी कर्मचारी, पैरा मेडिकल व स्वास्थ्य अधिकारी, आंगनबाड़ी वर्कर पोलिंग एजेंट नहीं बन सकते। पंच-सरपंच अथवा पार्षदों पर ऐसी मनाही नहीं है, वे एजेंट बन सकते हैं। पोलिंग एजेंट चाहे तो विभिन्न फार्मों अथवा दस्तावेजों पर अपनी मुहर लगा सकता है। उसे प्रवेश पास देने की जिम्मेदारी पीओ की है। एजेंट मतदान के दौरान कक्ष से बाहर जा सकता है, ऐसे में प्रवेश पास रिलीवर को देना होगा।
नोडल अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा कि यदि मॉक पोल प्रक्रिया नहीं की गई तो माना जायेगा कि चुनाव ही नहीं हुआ। मतदान आरंभ होने से पहले पोलिंग एजेंट की मौजूदगी में मॉक पोल प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। यदि पोलिंग एजेंट समय पर न पहुंचे तो सुपरवाइजर अथवा सेक्टर अधिकारी को सूचित करें। वे भी समय पर न पहुंचे तो 15 मिनट इंतजार के बाद मॉक पोल प्रक्रिया आरंभ की जाये।
हर प्रत्याशी को कम से कम एक वोट डालते हुये कम से कम 50 वोट डालना जरूरी है। कंट्रोल यूनिट (सीयू) के परिणाम से वीवीपैट की पर्चियों का मिलान करें। सही मिलान होने के बाद सीयू को क्लीयर करते हुये सील करें और वीवीपैट से निकाली गई पर्चियों को काले रंग के लिफाफे में रखकर सील लगायें। प्रक्रिया संपन्न होने के बाद पोलिंग एजेंट के दस्तखत कराए और मॉक पोल सर्टिफिकेट भरें।