Fatehabad News : पाइपलाइन डालने के लिए खोदी गई गली को बिना समतल किए ऐसे ही छोड़ा, ग्रामीण परेशान

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The street dug for the pipeline was left without leveling
(Fatehabad News) टोहाना। धारसूल कलां गांव में विकास के नाम पर विनाश की लीला जारी हैं। अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। ग्रामीणों की समस्या पर शासन प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। यह बात धारसूल कलां गांव में खोदी गई सड़क से बेहद परेशान ग्रामीणों ने कहीं। दरअसल, यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को जिम्मेदार ही पलीता लगा रहे हैं। धारसूल कलां गांव में इन दिनों ये स्थिति बयां हो रहीं है। जहां करीब डेढ़ माह पहले सीवर लाइन व जलापूर्ति पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदी गई गली को काम पूरा होने के बाद यूं ही छोड़ दिया गया है। ऐसे में गली नालियों के गंदे पानी व कीचड़ में डूबी हुईं है। जिसके चलते यहां के लोग नारकीय स्थिति में घिरे हैं। ग्रामीण प्रगट सिंह मान, दलजीत सिंह पंच, सुनील शर्मा, राजेंद्र सिंह, बलवीर सिंह, मगर सिंह, प्रेम, लाडी, गुरप्रीत, सुरजीत, मनप्रीत, बब्बी आदि ने बताया कि मुख्य रोड़ से गांव को जोड़ती पुर्व चेयरमैन भील सिंह के घर वाली मुख्य गली को लाइन डालने के बाद समतल भी नहीं किया गया है। ऐसे में गली में मिट्टी व पानी से कीचड़ भर गया हैं। इससे उबड़ खाबड़ हुईं गली में बने गड्ढों में पानी भर गया हैं। आलम ये है उक्त गली इन दिनों गंदगी का पर्याय बन गईं हैं। बीते दिनों हुई बारिश के चलते गली में दलदल के हालात उत्पन्न हो गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गली से वाहन गुजरना तो दूर की बात, जबकि कीचड़ भरे रास्ते पर लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। इससे ग्रामीणों का घरों से बाहर तक निकलना दुभर हो गया है।

बारिश व नालियों के पानी से गली बनी गंदगी का पर्याय

इस समस्या से निपट रहें ग्रामीणों में रोष व्याप्त हैं। पाइपलाइन बिछाने के बाद भी गली दुरुस्त न किए जाने से आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा शासन प्रशासन के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया गया है। गुस्साए ग्रामीणों का कहना है कि पाइपलाइन बिछाने से लोगों को भविष्य में इसका फायदा मिले या न मिले, जबकि फिलहाल अच्छी पड़ी गली चौपट कर देने से यह ग्रामीणों के लिए दुविधा बन गई है। पाइपलाइन बिछाने के लिए ठेकेदार ने गांव की गलियों को जेसीबी से उखाड़ दिया हैं। इससे मजबूती से बनी गली उखड़ गई हैं। अब लोगों को आवाजाही में बेहद कठिनाई हो रही है। बारिश के पानी के साथ नाली के पानी से पूरी गली कीचड़ व दलदल में तब्दील हो गई हैं। इससे संक्रामक रोग, बीमारी फैलने की स्थिति बन गई है।

स्कूली बच्चों के लिए बेहद कठिनाई का कारण बनी ये उपेक्षा

ग्रामीणों ने बताया कि गली में यह हालात बन जाने से खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों को बड़ी कठिनाई होती हैं, क्योंकि स्कूल बस गली में नहीं आ पाती तो बच्चों को कीचड़ व दलदल के बीच से गुजर कर बस में चढ़ना पड़ता हैं। ऐसे में कई बार बच्चें कीचड़ में गिर पड़ते हैं या फिर गली पार करते वक्त उनकी वर्दी कीचड़ से खराब हो जाती हैं। इसके अलावा हर बड़े-बूढ़े बुजुर्ग के लिए पैदल चलकर गली पार करना भी एक तरह ही चुनौती बन गया है।

ग्रामीणों ने गली सुधार की मांग की तो सरपंच ने किए हाथ खड़े

ग्रामीणों की मानें तो गली की हालत सुधारने के लिए उन्होंने सरपंच से मांग की तो सरपंच ने उन्हें कहा कि ये कार्य उनका नहीं हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने सरपंच से ये भी कहा कि इन दिनों मौसम सही नहीं हैं तो निर्माण फिलहाल संभव नहीं हैं तो एक बार गली में मिट्टी डलवा कर इसे समतल करा दिया जाएं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुईं हैं। ऐसे में भले ही सरकार द्वारा लोगों के कल्याण के लिए गांव में प्रमुखता से काम किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार ही इसको ग्रहण लगा रहें हैं। गांव में हो रहा विकास सुविधा की अपेक्षा इन दिनों ग्रामीणों के लिए दुविधा बना हैं।

गांव में विकास के नाम पर लाखों रुपए के गबन का आरोप

ग्रामीणों की माने तो यह अकेली इस गली की दुर्दशा का मामला नहीं है, जबकि पाइपलाइन डालने के लिए पूरे गांव की गलियों को उखाड़ कर रख दिया है। ग्रामीणों ने इस मामले में सीधे तर पर सरपंच को जिम्मेदार बताया है। कई जगह काम पूरा होने के बाद भी गलियों को दुरुस्त करने की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गांववासी राजेंद्र सिंह ने कहा कि सरपंच द्वारा किए जा रहें कार्यों में पंचायत के किसी सदस्य तक का सहयोग नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव में सहमति से बने पंचायत सदस्यों को विकास कार्यों के लिए जो 50-50 हजार रुपए मिलने थे, उन पैसों का भी गबन किया गया हैं। उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा सरपंच के कार्यकाल दौरान गांव के हुए विकास कार्यों पर खर्च पैसों की उच्च स्तरीय गहनता से जांच की जाए तो इसमें लाखों रुपए का गबन मिलना तय है।

सरपंच ने नहीं उठाया फोन

इस संबंध में गांव धारसूल कलां के सरपंच वकील सिंह को फोन कर उनसे जानकारी लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

क्या कहते हैं अधिकारी

ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अब आपके माध्यम से पता चला है तो इस बारे में बात की जाएगी। मामला हमारे अंतर्गत हुआ तो शीघ्र ही उक्त समस्या का समाधान करा दिया जाएगा। हम अपने स्तर पर ग्रामीणों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने देंगे। कर्म चंद, एसडीओ पंचायत विभाग टोहाना
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