- वीर बाल दिवस पर राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने साहिबजादों के अदम्य साहस को किया नमन
(Fatehabad News) फतेहाबाद। राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के अमर बलिदान को समर्पित 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला किया।
यह दिवस बलिदान, साहस और धर्म के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक
यह दिवस बलिदान, साहस और धर्म के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक है। युवाओं को साहस, सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने वीर बाल दिवस के अवसर पर गुरुद्वारा सिंह सभा में पहुंच कर मत्था टेका और भारत की शौर्य परंपरा के पर्याय गुरु गोबिंद सिंह जी एवं उनके चारों साहिबजादों के बलिदान को नमन किया। साथ ही चार साहिबजादों के जीवन पर केंद्रित डॉक्युमेंट्री भी देखी।
साहिबजादों का सर्वोच्च बलिदान हम सभी को सदैव प्रेरणा प्रदान करता रहेगा
राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि मातृभूमि एवं सनातन धर्म की रक्षा के लिए साहिबजादों का सर्वोच्च बलिदान हम सभी को सदैव प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। मुगल शासनकाल के दौरान साहिबजादों ने कम उम्र में ही अपने धर्म और विश्वास की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
धर्म की रक्षा एवं मातृभूमि की सेवा को समर्पित साहिबजादों की गौरवमयी गाथा चिर काल तक हम सभी को प्रेरित करती रहेगी। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सहित पूरे भारत में वीर बाल दिवस मना कर दसवें गुरु व सर्वदानी गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की शहादत को याद किया जा रहा है।
इतनी कम आयु के छोटे साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए स्वयं को शहीद कर दिया
उन्होंने कहा कि विश्व इतिहास में बाल्यावस्था में शौर्य, साहस और दृढ़ता की ऐसी अद्वितीय अमर वीरगाथा कही ओर नहीं मिलती जिसमें इतनी कम आयु के छोटे साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए स्वयं को शहीद कर दिया हो। गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों की यह शहादत धर्म रक्षा के लिए दी गई शहादत का अभूतपूर्व उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास स्वर्णिम है हमारी विरासत, हमारी धरोहर विश्व में सबसे शानदार है। उन्होंने कहा कि देश व धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान करने का स्वर्णिम इतिहास केवल और केवल हमारे देश का ही है। भविष्य की हमारी पीढिय़ों को वीर बाल दिवस से प्रेरणा मिलेगी।
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