Fatehabad News : जेल लोक अदालत का उद्देश्य विचाराधीन बंदियों को तत्परता से न्याय दिलाना : गायत्री

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Fatehabad News : जेल लोक अदालत का उद्देश्य विचाराधीन बंदियों को तत्परता से न्याय दिलाना : गायत्री
जेल लोक अदालत में मामलों की सुनवाई करती सीजेएम गायत्री।
  • केंद्रीय जेल 2, हिसार में जेल लोक अदालत का आयोजन, एक बंदी को किया रिहा

(Fatehabad News) फतेहाबाद। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल के मार्गदर्शन में केंद्रीय जेल- 2 हिसार में जेल लोक अदालत का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी गायत्री ने की।

विभिन्न अदालतों में लंबित दो मामले रखे गए जो एक केस में एक बंदी को रिहा किया गया। इस एक मामले में एक बंदी को सजा मुक्त कर दिया गया। सीजेएम गायत्री ने बताया कि जेल लोक अदालत हर महीने लगाई जाती है जिसमें केसों का निपटारा मौके पर ही जिला कारागार में ही किया जाता है।

उद्देश्य विचाराधीन बंदियों को न्याय दिलाने में तेजी लाना

जेल लोक अदालत का उद्देश्य विचाराधीन बंदियों को न्याय दिलाने में तेजी लाना और उन्हें विशिष्ट श्रेणियों के मामलों में कानूनी राहत प्रदान करना है। फतेहाबाद जिले में अपनी जेल नहीं है इसलिए केंद्रीय जेल 2, हिसार में फतेहाबाद व हिसार दोनों जिलों के लिए सुधारात्मक सुविधा के रूप में कार्य करती है।

सीजेएम गायत्री ने बताया कि जेल लोक अदालत के दौरान दो मामलों की समीक्षा की गई जिसमें एक मामले में आरोपी की रिहाई हुई है। जो विचाराधीन बंदी एफआईआर संख्या 387/2022 पुलिस स्टेशन सिटी टोहाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 379 के तहत दर्ज है। जेल लोक अदालत छोटे अपराधों और समझौता योग्य आपराधिक मामलों से संबंधित मामलों को सुलझाने के लिए एक प्रभावी न्यायिक मंच के रूप में कार्य करती है।

न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को मजबूत करने की एक महत्वपूर्ण पहल

उन्होंने कहा कि जेल लोक अदालत कानूनी सहायता को बढ़ावा देने, समय पर न्याय सुनिश्चित करने और न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को मजबूत करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। यह पहल रिहा किए गए कैदियों के पुनर्वास और समाज में उन्हें फिर से शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह पहल सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनके पास कानूनी प्रतिनिधित्व का खर्च उठाने के साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि डीएलएसए निष्पक्ष और न्याय के सिद्धांतों को कायम रखता है जो न्याय पूर्ण और समान कानूनी प्रणाली को बढ़ावा देने में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दृष्टिकोण में योगदान देता है।

विचाराधीन महिला कैदियों बारे जेल प्रशासन से पूछताछ की।

उन्होंने जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया। सीजेएम ने इस दौरान विचाराधीन महिला कैदियों बारे जेल प्रशासन से पूछताछ की। उन्होंने विचाराधीन महिला कैदियों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली, जिस के संबंध में कोई मौखिक शिकायत नहीं दी। इसके अलावा जेल परिसर का भी निरीक्षण किया और साफ सुथरा पाया गया।

सीजेम गायत्री ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के हेल्पलाइन नंबर 01667-231174 व टोल फ्री नंबर 1800-180-2057 पर सुबह 9.30 बजे से सायं 5 बजे तक किसी भी कार्य दिवस को फोन द्वारा हर प्रकार की कानूनी सहायता व जानकारी ली जा सकती है।

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