Fatehabad News : फतेहाबाद में गणतंत्र दिवस पर किसानों मजदूरों ने निकाली ट्रैक्टर मोटरसाइकिल परेड, ऊंट गाडिय़ां भी हुई शामिल

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Fatehabad News : फतेहाबाद में गणतंत्र दिवस पर किसानों मजदूरों ने निकाली ट्रैक्टर मोटरसाइकिल परेड, ऊंट गाडिय़ां भी हुई शामिल
शहर में किसानों द्वारा निकाली गई परेड।
  • नया कृषि मंडी का ड्राफ्ट वापस हो, मार्च में बड़े आंदोलन की तैयारी

(Fatehabad News) फतेहाबाद। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज गणतंत्र दिवस के मौके पर फतेहाबाद में किसानों मजदूरों व अन्य सहयोगी संगठनों ने तहसील स्तरीय ट्रैक्टर मोटरसाइकिल मार्च निकाला। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान मजदूर अपने-अपने वाहन लेकर बस स्टैंड के सामने अनाज मंडी के शेड के नीचे एकत्र हुए। वहां से एक लंबे काफिले के रूप में परेड शुरू हुई।

परेड की अगुवाई में ऊंट गाडिय़ां भी शामिल रही। यह परेड लाल बत्ती चौक से लेकर शहीद स्मारक लघु सचिवालय तक निकली गई। दिल्ली के ऐतिहासिक किसान आंदोलन के बाद जो तीन काले कानून सरकार ने वापस लिए थे, उस समय न्यूनतम समर्थन मूल्य के कानूनी गारंटी देने, बिजली विधेयक वापस लेने और किसानों मजदूरों को कर्ज मुक्त करने के बारे में सरकार ने बातचीत करने का भरोसा दिलाया था, परंतु उसके बाद सरकार ने कोई बातचीत पूरे देश के किसान संगठनों से नहीं की है।

इस कारण से पूरे देश के किसी तब के में भारी रोज व्याप्त है और आंदोलन किया जा रहे हैं। संयुक्त मोर्चा के कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के तहसील प्रधान पतराम ढाणी ईशर, किसान संघर्ष समिति के तहसील प्रधान रविंदर हिजरावां, खेत मजदूर यूनियन के नेता रामकुमार बहबलपुरिया, सीटू नेता बेगराज ने संयुक्त रूप से की। आज के इस कार्यक्रम को व्यापारी संगठनों, रिटायर्ड कर्मचारी संघ, नागरिक अधिकार मंच, ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन आदि संगठनों ने समर्थन दिया।

पिछले दिनों ही केंद्र सरकार नया एग्रीकल्चर मार्केटिंग ड्राफ्ट लेकर आई

किसान नेतओं ने कहा कि अभी पिछले दिनों ही केंद्र सरकार नया एग्रीकल्चर मार्केटिंग ड्राफ्ट लेकर आई है, इसके तहत पूरे देश की सरकारी मंडियां प्राइवेट हाथों को सौंपने की तैयारी चल रही है। संयुक्त किसान मोर्चा का यह स्पष्ट कहना है कि यह नया खेती मंडीकरण ड्राफ्ट उन तीन कानून को पीछे दरवाजे से दोबारा लाने की एक कोशिश है।

आंदोलनकारी किसान संगठनों से केंद्र सरकार जल्द से जल्द बातचीत करें

अन्य संगठनों के नेताओं ने बताया कि हमारी पूरी ग्रामीण शहरी अर्थव्यवस्था खेती पर टिकी हुई है और अगर खेती चौपट होती है तो पूरी तरह से सारी तरह के कामकाज, व्यापार धंधे को भारी चोट पहुंचेगी, इसलिए यह लड़ाई समाज के तमाम तत्वों को मिलकर लडऩी होगी। किसान-मजदूर नेताओं ने कहा कि आंदोलनकारी किसान संगठनों से केंद्र सरकार जल्द से जल्द बातचीत करें और एमएसपी समेत तमाम मुद्दों का किसानों के साथ बातचीत करके हल निकाले।

आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी। इसी के तहत मार्च में पूरे देश की राजधानियों, जिला व तहसीलों में संयुक्त मोर्चे के पक्के धरने लगाने की घोषणा हो चुकी है। इस अवसर पर सुरेश गढ़वाल, धर्मपाल कुम्हारिया, दलबीर आजाद, शहरी पार्षद मोहनलाल नारंग, देवीलाल एडवोकेट, शाहनवाज, पवन भूथन आदि शामिल रहे।

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