
(Fatehabad News) फतेहाबाद। संविधान हमारे राष्ट्र की आत्मा है। हमें संविधान की भावना का सम्मान करते हुए भारत को गौरवांवित करने का प्रयास करना चाहिए। यह बात जिला उपायुक्त मनदीप कौर ने भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनोहर मैमोरियल कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन करते हुए कही। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंची जिला उपायुक्त ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
एमएम कॉलेज में हमारा संविधान हमारा सम्मान – डॉ. अंबेडकर की विरासत विषय पर सेमिनार आयोजित
हमारा संविधान हमारा सम्मान : डॉ. अंबेडकर की विरासत विषय पर आयोजित इस सेमिनार में वक्ताओं द्वारा विद्यार्थियों को भारतीय संविधान की महत्ता के विषय में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने की। उन्होंने उपायुक्त व अन्य अतिथियों का कॉलेज में पहुंचने पर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. भव्या मुखी द्वारा किया गया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उपायुक्त मनदीप कौर ने कहा कि हमारा संविधान, हमारा सम्मान अभियान का उद्देश्य संविधान के बारे में नागरिकों की समझ को गहरा करना है। संविधान को आकार देने में डॉ. बीआर अंबेडकर के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करना है। उन्होंने कहा कि इस संविधान दिवस पर हम सभी मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करने का संकल्प लें जो वास्तव में हमारे संविधान में निहित आदर्शों को प्रतिबिंबित करे। संविधान हमें बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने की स्वतंत्रता देता है। उन्होंने कहा कि संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाता है। यह भारतीय नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है और भाईचारे को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने कहा कि संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में अंबेडकर ने भारतीय संविधान को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एक ऐसे राष्ट्र की कल्पना की थी, जो न केवल राजनीतिक लोकतंत्र को कायम रखे बल्कि सामाजिक और आर्थिक न्याय भी हासिल करने को सुनिश्चित करे। उनकी गहरी बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता ने प्रमुख आर्थिक और सामाजिक ढांचों को प्रभावित किया, जिससे वे स्वतंत्र भारत के शासन और विकास को आकार देने में मील का पत्थर साबित हुआ। डॉ. बीआर अंबेडकर को वर्ष 1990 में भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर संविधान में दिए गए अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का पालन करें तो हमारे राष्ट्र पुन: विश्व गुरु बन सकता है।
इस अवसर पर डॉ. मीनाक्षी कोहली, प्रो. प्रतिभा मखीजा, डॉ. तृप्ता मेहता, कैप्टन रजनी वर्मा, डॉ. सुमंगला वशिष्ष्ठ, डॉ. संध्या अग्रवाल, डॉ. रामगोपाल काजल, डॉ. सुरेन्द्रपाल सिद्धू, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. विजय गोयल, प्रो. तारिका, प्रो. रशिम, डॉ. भारती, एसएस मल्होत्रा, डिप्टी सुपरीडेंट अनु जिंदल सहित समस्त स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।
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