- हनुमान जी सूर्य से विद्यावान बनकर आए केवल शिक्षाविद नहीं
(Fatehabad News) फतेहाबाद । श्री रघुनाथ मंदिर फतेहाबाद में आयोजित श्री हनुमत कथा स्वाध्याय यज्ञ में पूज्य गुरूदेव डॉ.स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा कि जैसे क्रिकेट के मैदान में जाने से पूर्व अच्छे से अच्छे खिलाड़ी भी नेट प्रेक्टिस करते हैं ताकि खेल के मैदान में सामने वाली टीम की हर बॉल को खेल सके, उसी प्रकार विद्यालय में जाने से पूर्व घर में अभिभावकों के वातावरण में भी वही नेट प्रेक्टिस करनी चाहिए। चरित्र के रूप में बच्चों को संस्कार पोषण मिलना चाहिए। यही अंतर है शिक्षा और विद्या में।
अध्यापक और आचार्य अपने ढंग से अच्छा सोचते हैं किंतु माता पिता को बदलाव के लिए अलग से सोचने की आवश्यकता है
शिक्षा के नाम पर केवल करियर ही नहीं बनाना चरित्र निर्माण भी करना है। यदि रहना कहना, उठना-बैठना, सोना-जागना, ढंग से वार्ता करना, खानपान ही ठीक न हुआ तो जीवन अपसेट रहेगा ही। पैसे से दवाइयां तो मिल सकती हैं, स्वास्थ्य नहीं। हनुमान जी ‘विद्यावान-गुणी अति चातुरÓ हैं। बड़े से बड़ा देह बल, बुद्धि बल उनके सामने तुच्छ है, प्रेरणा लो इन उत्तर चरित्रों से और बचा लो अपने टूटते परिवारों को।
विद्यालय में बन रहे दोस्त ‘कल्याण मित्र की तरह अपना कत्र्तव्य निभाएं केवल ताली मित्र या थाली और प्याली मित्र ही न बने रहें
महाराज श्री ने कहा कि हनुमान जी सर्वगुण संपन्न हैं, उनकी उपासना का मतलब धीरे-धीरे उनके गुणों को आत्मसात करना है और अपने जीवन का रूपांतरण करना है। जीवन बदलेगा तो हमें लाभ का आनंद मिलेगा। बातें कृष्ण की सुनें और जीएंगे कंस की भांति तो भला क्या लाभ? आज इस अवसर पर डीएसपी जगदीश काजला, सभा प्रधान टेकचंद मिढ़ा, नरेश सरदाना, संत कुमार एडवोकेट, कैलाश बतरा ने पूजा कर आशीर्वाद लिया।
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