Fatehabad News : कर्मचारियों ने काले रिबन बांध किया काम, तिरंगा मार्च की अनुमति रद्द करने का जताया विरोध

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Employees protested against cancellation of permission for Tricolor March
ओपीएस तिरंगा मार्च की अनुमति रद्द करने पर काले रिबन बांधकर विरोध जताते कर्मचारी।
(Fatehabad News ) फतेहाबाद। पेंशन बहाली संघर्ष समिति के आह्वान पर जिला फतेहाबाद के समस्त कर्मचारियों ने रोहतक में ओपीएस तिरंगा मार्च की अनुमति रद्द करने के विरोध में सोमवार को काला रिबन बांधकर पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले  विरोध जताया। समिति के राज्य महासचिव ऋषि नैन ने कहा कि हरियाणा के कर्मचारी पिछले 6 साल से अपनी पुरानी पेंशन की जायज मांग को लेकर संघर्षरत हैं, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है। कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए ओपीएस तिरंगा मार्च निकाले जा रहे थे। 25 अगस्त को अंबाला व 1 सितंबर को हिसार में कर्मचारी पेंशन बहाली के बैनर तले शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से ओपीएस तिरंगा मार्च निकाल चुके हैं। इसी कड़ी में 8 सितंबर को ओपीएस तिरंगा मार्च रोहतक में निकाला जाना था जिसकी अनुमति भी समिति ने प्रशासन से ले रखी थी, परंतु प्रशासन ने राजनीतिक दबाव के चलते शुक्रवार रात प्रशासनिक व आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए अनुमति रद्द कर दी।
उसके बाद राज्य अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल के नेतृत्व में राज्यस्तरीय मीटिंग बुलाई गई जिसमें यह निर्णय लिया गया कि हरियाणा के सभी विभागों के कर्मचारी अपने कार्यालय में 9 से 11 सितंबर तक तीन दिन काली पट्टी बांधकर या काले कपड़े पहन कर काम करते हुए निवर्तमान सरकार के इस तानाशाही रवैये का विरोध जताएंगे। राज्य ऑडिटर विजय भूना ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों के लोकतांत्रिक अधिकार को खत्म किया है। सरकार दमन की नीति पर आ गई है। उनका कहना है कि लोकतंत्र में इस प्रकार से अनुमति रद्द करना उचित नहीं है। किसी भी व्यक्ति के बोलने और अपनी बात को रखने के अधिकार को खत्म नहीं किया जा सकता है।
सरकार पूरी तरह से तानाशाही रवैया अपना रही है। हरियाणा के तीन लाख कर्मचारियों और अधिकारियों की वाजिब मांग को मानना तो दूर, सरकार ने अपना हक मांगने वाले उन कर्मचारियों पर दमनकारी नीति अपनाते हुए फरवरी 2023 में लाठी, डंडे और आंसू गैस के गोले चलाने का काम किया है। आगामी विधानसभा चुनावों में हरियाणा के तमाम विभागों के 3 लाख कर्मचारी और अधिकारी वोट फॉर ओपीएस की मुहिम चलाएंगे और अपने परिवार सहित संवैधानिक मताधिकार का प्रयोग अपनी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए करेंगे। जिला प्रधान नरेश जांगड़ा व महासचिव अजीत ने जिले के सभी कर्मचारियों से अपील की कि जिस जोश के साथ जिले के सभी कर्मचारियों ने अपना विरोध दर्ज करवाया है 10 और 11 सितम्बर को भी काला रिबन बांध कर अपनी नाराजगी जाहिर करें।