Fatehabad News : पहाड़ियों में बरसात के कारण घग्गर नदी में पानी की आवक हुई तेज, किसान खुश

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Due to rain in the hills, the inflow of water in the Ghaggar river increased
(Fatehabad News) जाखल। हरियाणा, पंजाब के साथ शिवालिक की पहाड़ियों में लगातार हो रही भारी बरसात से जाखल क्षेत्र से होकर गुजरने वाली घग्गर नदी में पानी की आवक बढ़ने लगी है। नदी में पीछे से जलस्तर में एकाएक बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। दो अगस्त को नदी के गुहला चीका हैड पर 1540 क्यूसेक पानी चल रहा था, जो चार अगस्त को बढ़ कर 6468 क्यूसेक हो गया है। पीछे से पानी बढ़ने के चलते चांदपुरा साइफन हेड पर भी जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है, जहां सिंचाई महकमें की रविवार दोपहर की रिपोर्ट में 1980 क्यूसेक जलस्तर मापा गया है, जो रविवार सुबह की अपेक्षा 340 क्यूसेक अधिक है।

शनिवार की अपेक्षा रविवार को दर्ज किया गया करीब पंद्रह सौ अधिक क्यूसेक पानी

बता दें कि शनिवार तक जहां नदी में 500 क्यूसेक पानी ही चल रहा था। नदी में बढ़ रहे जलस्तर से किसानों के चेहरे खिले नज़र आए है, क्योंकि घग्घर नदी के जल से उन्हें खेतो में सिंचाई करने में आसानी होगी। बताया जा रहा है कि नदी के जल ग्रहण क्षेत्रों में अभी बारिश जारी है। ऐसे में भविष्य में आवक लगातार बढ़ सकती है। इसे लेकर भविष्य की स्थिति को मद्देनजर रख, बाढ़ आशंका को भांपते हुए किसान चिंतित भी है। पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश से बरसाती पानी घग्घर नदी के जरिए जाखल क्षेत्र में पहुंचना शुरू हो गया है। नदी की जल क्षमता से फिलहाल जलस्तर अपेक्षाकृत कम है, वहीं अधिकारी जल का उचित प्रबंधन होने की बात भी कह रहे है।

फिलहाल बाढ़ को लेकर जरा भी चिंता नहीं

सिंचाई विभाग के एसडीओ ने कहा कि अभी जितने पानी की आवक नदी में हो रही है, उससे चिंता की जरा भी बात नहीं है। वहीं भविष्य में भी जैसे-जैसे नदी में पानी की आवक होगी, उसे विभिन्न चैनलों के जरिए प्रवाहित किया जाएगा। घग्घर नदी में पानी की आवक होने से धान उत्पादक किसानों को काफी राहत मिलेगी।  ऐसे में नदी में पानी की आवक होने से किसान काफी उत्साहित हैं।

बीते वर्ष बाढ़ आने के कारण भयभीत है लोग

बीते वर्ष नदी में भारी मात्रा में पानी की आवक हुई थी। जिससे नदी व नदी के सहायक रंगोई नाले के तटबंध टूटने से जाखल देहात क्षेत्र में बाढ़ आ गई थी, जबकि बाढ़ के वक्त जाखल शहर में पानी प्रवेश करने से गनीमत रही थी। उस वक्त सिंचाई विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और ग्रामीणों के हाथ पांव फूल गए थे। बाढ़ के मंजर से किसानों की फसले बर्बाद हो गई थी। इससे ग्रामीणों को बड़ी क्षति झेलनी पड़ी थी। उस समय सभी ने दिन-रात एक कर कई दिनों की कड़ी मशक्कत से बिगड़े हालातो पर काबू पाया था। ऐसे में हालांकि फिलहाल क्षेत्र से गुजरती घग्गर नदी में जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है, लेकिन बीते वर्ष आई बाढ़ के मंजर को याद कर लोग भयभीत है। ऐसे में खासकर नदी के तट क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा बाढ़ आशंका के मद्देनजर बाढ़ से निपटान हेतु जिला प्रशासन से समुचित व्यवस्थाओं की मांग की गई हैं। वहीं जाखल के लोगों द्वारा भी नदी के शहरी भाग को पक्का करने का सुझाव दिया गया हैं।

पानी देखने पहुंचने लगें लोग

किसान नदी में पानी आने का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में अब नदी में पानी आने से घग्घर नदी क्षेत्र के धान उत्पादक किसान पंपिंग कर धान की फसल में पानी लगाने लगे हैं। वहीं चांदपुरा साइफन हेड पर लोग नदी में पानी की आवक को देखने पहुंचने लगे हैं। लोग जहां पर सेल्फी लेते दिखाई दे रहे है।

क्या कहते हैं अधिकारी

पहाड़ी क्षेत्र में भारी बरसात होने से जलस्तर में वृद्धि हुई है। चांदपुरा साइफन हेड पर जलस्तर नदी की क्षमता से अपेक्षाकृत कम है। जहां पर नदी में अभी पानी का स्तर दो हज़ार क्यूसेक से भी कम है, जबकि जहां नदी की क्षमता 22 हज़ार क्यूसेक के करीब है। सावन माह में क्षेत्र में वर्षा काफ़ी कम होने से धान की फसल प्रभावित हो रही थी। ऐसे में घग्गर नदी में जल आवक से ये पानी धान की फसल के लिए अमृत समान है।
संजीव सिंगला, एसडीओ सिंचाई विभाग टोहाना।