- एडीसी राहुल मोदी ने संबंधित अधिकारियों को योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के दिए निर्देश
- आवेदनकर्ताओं के फिजिकल वेरिफिकेशन 25 नवंबर तक करने के दिए निर्देश
(Fatehabad News) फतेहाबाद। कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए और इस योजना के तहत आवेदन कर चुके लोगों के 25 नवंबर तक फिजिकल वेरिफिकेशन करने के निर्देश देते हुए एडीसी राहुल मोदी ने योजना से संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
योजना के जरिए 18 चिन्हित ट्रेडों में शामिल लोगों की सहायता की जाएगी
बैठक में पारंपरिक व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के निर्बाध और कुशल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की अनिवार्य आवश्यकता को लेकर चर्चा हुईं। बैठक में एडीसी ने कहा कि इस योजना के जरिए 18 चिन्हित ट्रेडों में शामिल लोगों की सहायता की जाएगी। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
एडीसी ने लाभार्थियों के नामांकन में तेजी लाने, त्वरित सत्यापन और निर्बाध पंजीकरण प्रक्रियाओं में जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारियों की भूमिका के महत्व को रेखांकित किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पात्र व्यक्ति प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभ तक पहुंच सकें। एडीसी राहुल मोदी ने बताया कि पीएम-विश्वकर्मा योजना में 18 हस्त व्यवसायों को शामिल किया गया है। जिनमें सुनार, नाव बनाना, शस्त्राकार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई बनाना, गुडिय़ा व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी और मछली पकडऩे के जाल बनाने का काम शामिल है।
योजना में कारीगर को पहले पीएम विश्वकर्मा.जीओवी.इन पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना होगा
इस योजना में विभिन्न व्यावसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना में कारीगर को पहले पीएम विश्वकर्मा.जीओवी.इन पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण करवा चुके आवेदकों का फिजिकल वेरिफिकेशन ग्राम और शहर स्तर पर किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे सभी आवेदकों का वेरिफिकेशन 25 नवंबर तक पूरा कर लिया जाए।
एडीसी ने बताया कि छोटे कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहले एक लाख रुपये का लोन दिया जाएगा, जिसको 18 महीनों में पांच प्रतिशत की ब्याज दर से चुकाया जाना है।
ट्रेनिंग में हर रोज 500 रुपये का स्टाइफंड दिया जाएगा
बैंक ऋण की अदायगी के बाद इन कारीगरों को दोबारा ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। ट्रेनिंग में हर रोज 500 रुपये का स्टाइफंड दिया जाएगा। तदोपरांत दो लाख रुपये का लोन मिलेगा, जिसकी अदायगी तीस माह में की जानी है। इस दौरान कारीगरों को बाजार से जोडऩे का भी प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना पांच साल के लिए है और पहले साल में देशभर के तीस लाख कारीगरों को इससे जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बैठक में जिला परिषद के सीईओ सुरेश कुमार, एमएसएमई के सहायक निदेशक गुरप्रताप सिंह, एलडीएम संजय, डीडीए डॉ. राजेश सिहाग, डॉ. सुखविंदर सिंह, डीएचओ डॉ. श्रवण कुमार सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
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