Fatehabad News : पराली जलाने पर केस दर्ज होने से खफा किसानों ने डीसी कार्यालय पर किया प्रदर्शन

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Angry farmers protested at DC office after cases were filed for burning stubble
डीसी को सीएम के नाम मांग पत्र सौंपते किसान सभा के सदस्य।
  • किसानों पर प्रदूषण का सारा दोष मढऩे की बजाय पराली प्रबंधन की उचित व्यवस्था करे सरकार : विष्णुदत्त

(Fatehabad News) फतेहाबाद। पराली जलाने के नाम पर किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने, मण्डियों में फसलों की हो रही लूट के खिलाफ और डीएपी की कमी दूर करने की मांग को लेकर किसानों ने आज अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर उपायुक्त कार्यालय पर धरना दिया। धरने पर बैठे किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष जताया। धरने की अध्यक्षता किसान सभा के जिला प्रधान विष्णुदत्त शर्मा ने की।

धरने के बाद प्रदर्शन करते हुए किसान उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और डीसी को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा। किसान सभा प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि डीसी ने उन्हें पराली के मामले में मुकदमें दर्ज न करवाने का आश्वासन दिया और कहा कि प्रशासन का किसानों को समझाने का प्रयास रहेगा। उन्होंने डीएपी खाद को लेकर पर्याप्त व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला प्रधान विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि धान के सीजन में प्रदूषण का सारा दोष किसानों के सिर मढ़ा जा रहा है।

कदम उठाने की बजाय प्रदेशभर में किसानों पर मुकदमें दर्ज कर पोर्टल पर लाल एंट्री की जा रही

कृषि विभाग, प्रशासन व अन्य एजेंसियां ऐसे काम कर रही हैं जैसे किसान के खेत से ही प्रदूषण जन्म ले रहा है। पराली प्रबंधन की उचित व्यवस्था के लिए सरकार को जो दीर्घकालिक और अल्पकालिक कदम उठाने चाहिए थे, वह कदम उठाने की बजाय प्रदेशभर में किसानों पर मुकदमें दर्ज कर पोर्टल पर लाल एंट्री की जा रही है। किसानों पर यह कार्रवाई केन्द्र सरकार द्वारा 9 दिसम्बर 2021 को उस समझौते के खिलाफ है, जिसमें साफ कहा गया है कि पराली मामले में भारत सरकार के कानून की धारा 14 व 15 से किसानों को आपराधिक दायित्व से मुक्ति दी जाएगी।
डीएपी संकट का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में रबी सीजन की फसलों की मुवाई के रकबे की मुलना में डीएपी की उपलब्धता बेहद कम है।

किसानों को डीएपी के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि फसला खरीद व फसलों का उठान प्रभावित तरीके से नहीं हो रहा है, जिस कारण किसानों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सीएम को भेजे ज्ञापन में मांग की गई है कि पराली के नाम पर किसानों पर दर्ज मुकदमें खारिज किए जाए। पराली प्रबंधन की उचित व्यवस्था हो व इसके प्रबंधन पर आने वाले खर्च की भरपाई की जाए। पर्यावरण प्रदूषण से सम्बंधित मुद्दों के निपटारे के लिए सरकार सभी प्रभावितों को साथ लेकर ठोस योजना बनाए व हर वर्ष किसानों पर दोष लगाना बंद किया जाए। सरकार डीएपी खाद की आपूर्ति बढ़ाए और ग्रामीण सोसायटी के माध्यम से खाद उपलब्ध करवाई जाए। सभी बिक्री केन्द्रों पर स्टॉक बोर्ड लगवाए जाए व डीएपी के साथ नैनो डीएपी, बीज, दवाई, आदि जबरन बेचना सख्ती से बंद किया जाए।

मूंगफली की एमएसपी पर 1 नवम्बर पर खरीद शुरू होनी चाहिए। नकली खाद, बीज व दवाइयों की बिक्री पर रोक लगे व सभी फसलों की खरीद, उठान को तेज किया जाए। इस अवसर पर सुभाष भादू, मा. हनुमान, रिछपाल सिंह, जगतार सिंह, कामरेड रामस्वरूप, साधुराम, अमर सिंह तलवाड़ा, महेन्द्र सिंह, मांगेराम, रमेश कुमार मेहूवाला, रोहताश कुमार, मा. राजेन्द्र बाटू, अमर सिंह, केवल सिंह, बलबीर सिंह, पवन, सतबीर गोदारा, सुबे धर्मपाल, पतराम ढाणी ईसर सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।

 

 

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