Fateh Movie Review : एक्शन, इमोशन और साइबर क्राइम के खिलाफ एक बोल्ड मैसेज

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Fateh Movie Review Action, emotion and a bold message against cyber crime

Fateh Movie Review : सोनू सूद ने अपनी डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म ‘फतेह’ से बड़े पर्दे पर कदम रखा है। इस फिल्म में सोनू ने न सिर्फ अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया है, बल्कि उन्होंने एक सामाजिक मुद्दे को भी मजबूती से पेश किया है। फिल्म में एक्शन, इमोशन और एक अहम मैसेज का मिश्रण है। क्या यह दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरी है? आइए इस रिव्यू में जानें।

फिल्म की कहानी पंजाब के एक छोटे से गांव मोगा से शुरू होती है, जहां फतेह (सोनू सूद) अपनी छोटी सी डेयरी चलाते हैं। फतेह का कोई परिवार नहीं है और वह अपने पड़ोसी निमृत (शिव ज्योति राजपूत) के घर में किराए पर रहता है। निमृत लोगों को लोन स्वीकृत करवाने में मदद करता है, लेकिन जब गांव के लोग फर्जी लोन ऐप के जाल में फंसने लगते हैं, तो स्थिति और खराब हो जाती है।

लोन ऐप के सरगना रेजा (नसीरुद्दीन शाह) और उसके साथी सत्यप्रकाश (विजय राज) के अत्याचारों से तंग आकर निमृत दिल्ली चली जाती है।

लेकिन दिल्ली पहुंचने के बाद उसका कोई सुराग नहीं मिलता। निमृत की मां के कहने पर फतेह उसे ढूंढने के लिए दिल्ली जाता है। वहां उसकी मुलाकात हैकर खुशी (जैकलीन फर्नांडीज) से होती है।

क्या फतेह निमृत को ढूंढ पाएगा? क्या वह साइबर माफिया के इस खतरनाक जाल को तोड़ पाएगा? इसके बारे में और जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

सोनू सूद ने इस फिल्म को लिखा, प्रोड्यूस और डायरेक्ट किया है। साइबर माफिया जैसे ज्वलंत मुद्दे को छूने के लिए सोनू की तारीफ करनी होगी। कहानी तो दमदार है, लेकिन निर्देशन के कुछ हिस्सों में यह कमजोर पड़ जाती है।

फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और गाने कहानी को और निखारते हैं। अरिजीत सिंह का “फतेह कर फतेह” गाना प्रेरणादायक है, लेकिन दर्शक इससे और उम्मीद कर सकते थे। सोनू सूद ने अपने किरदार में जान डाल दी है।

उनके एक्शन और इमोशनल सीन जबरदस्त हैं। नसीरुद्दीन शाह और विजय राज जैसे अनुभवी कलाकारों ने अच्छा अभिनय किया, लेकिन उनका स्क्रीन टाइम सीमित था।

जैकलीन फर्नांडीज का किरदार कहानी में ताजगी लाता है, लेकिन उनके और सोनू के बीच रोमांटिक ट्रैक की कमी खलती है।

अगर आपको एक्शन और सामाजिक संदेश वाली फिल्में पसंद हैं, तो ‘फतेह’ आपको निराश नहीं करेगी। फिल्म की कहानी में नया तीखापन है और सोनू सूद की एक्टिंग दिल को छू जाती है। हालांकि निर्देशन और स्क्रीनप्ले में कमी है, लेकिन फिल्म मनोरंजन और सीख दोनों देती है।

फतेह एक ऐसा प्रयास है जो मनोरंजन करता है और एक गंभीर मुद्दे की ओर ध्यान खींचता है। सोनू सूद ने इस फिल्म के जरिए एक्शन और समाज को बेहतर बनाने का संदेश दिया है। यह फिल्म देखने लायक है।

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