हमारी सेहत के लिए मोटा अनाज बेहद लाभकारी- उपायुक्त अनीश यादव

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Fat grains are very beneficial for our health:Deputy Commissioner Anish Yadav
Fat grains are very beneficial for our health:Deputy Commissioner Anish Yadav
  • हमारी सेहत के लिए मोटा अनाज बेहद लाभकारी, हर रोज के आहार में करें शामिल – उपायुक्त अनीश यादव
    इशिका ठाकुर,करनाल:

भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को च् अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाने का लिया है निर्णय।

उपायुक्त अनीश यादव ने जिलावासियों से मोटे अनाज को प्रतिदिन के आहार में शामिल करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि मोटा अनाज हमारी सेहत के लिए बेहद लाभकारी है, इसलिए हमें इसे अपने हर रोज के आहार में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा से ज्यादा मोटे अनाज से बने व्यंजनों को खाना चाहिए।

उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि मोटे अनाज को सुपर फूड भी कहा जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इस अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, जौ आदि अनाज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष अर्थात मोटे अनाज का वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह हमारे लिए बड़ी बात है क्योंकि विश्वभर में मोटा अनाज उगाने वाले देशों में भारत अग्रणी है।

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है मोटा अनाज

उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि मोटा अनाज स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इसका निरंतर सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। मोटा अनाज जैसे बाजरा व रागी हड्डियों के लिए काफी लाभदायक है। इसमें फायबर की मात्रा भी प्रचूर होती है। इस अनाज की खेती के लिए किसान को कम मशक्कत करनी पड़ती है और वह रसायनों का भी कम इस्तेमाल करता है, इसलिए यह खेती पर्यावरण की दृष्टि से भी फायदेमंद है। उपायुक्त ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग मोटे अनाज को भोजन में शामिल करेंगे तो इसकी मांग बढ़ेगी और किसान को भी फायदा होगा।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी कर रहे आह्वान

उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल भी मोटा अनाज खाने का आह्वान कर रहे हैं। हमें अपने स्वास्थ्य व पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मोटे अनाज को खाने में शामिल करना चाहिए। उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि हमें मोटे अनाज को जन आंदोलन बनाना है। खुद भी इस अनाज को खाना है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसे खाने के लिए प्रेरित भी करना है।

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