Fasting: जानिए फास्टिंग करने से हो सकते है शरीर पर ये प्रभाव

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Fasting: सावन के महीने को सात्विक आहार का महीना कहा जाता हैं। सावन महीने में बहुत सारे लोग सोमवार के व्रत रखते हैं। मगर सावन सोमवार व्रत के दौरान कुछ लोग कब्ज, अपच , सिर दर्द और चक्कर आने जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं इनके लिए जिम्मेदार कारण। साथ ही उन फास्टिंग मिस्टेक्स को भी जान लेते हैं, जो आपको उपवास का लाभ देने की बजाए नुकसान देने लगती हैं।

बरसात के मौसम में रखे जाने वाले इस व्रत में खानपान को लेकर कई नियमों का पालन करना पड़ता है। इन दिनों में बार-बार बारिश होने से वातावरण में ह्यूमिडिटी बढ़ने लगती है, जिससे एपिटाइट का लो होना, ब्लोटिंगएसिडिटी और अपच का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से बचने के लिए साप्ताहिक उपवास एक बेहतरीन तरीका है।

सावन के सोमवार (sawan somwar) का व्रत फलाहार और निर्जला दोनों तरह से रखा जाता है। इस बारे में कंसल्टेंट न्यूट्रिशनिस्ट नौशीन शेख बताती हैं कि आहार का सही चयन न करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होता है। निर्जला व्रत करने से शरीर में डिहाइड्रेशन और एसिडिटी का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा फाइबर की मात्रा का सेवन न करने से कब्ज व ब्लोटिंग  की शिकायत बढ़ जाती है। आहार में फल, ड्राई फ्रूट्स और दही व छाछ को अवश्य शामिल करें। इसके अलावा वे लोग जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है, उसे व्रत करने से बचना चाहिए। इसके अलावा व्रत के दौरान कुछ गलतियां  करने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

फास्टिंग के दौरान कुछ लोगों को करना पड़ता है इन स्वास्थ्य

1 कब्ज

व्रत में फाइबर रिच डाइट न लेने से शरीर में कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। आहार में कार्ब्स की अधिक मात्रा इरिटेबल बावल सिंड्रोम का कारण बनने लगती है। कब्ज के कारण भूख कम लगती है और ब्लोटिंग का सामना करना पड़ता है। ऐसे में साल्यूबल और इनसॉल्यूबल फाइबर से भरपूर आहार लेना आवश्यक है।

2 सिरदर्द

डिहाइड्रेशन और लो ब्लड प्रेशर व्रत के दौरान सिरदर्द की समस्या को बढ़ा देते है। इस दौरान बार बार कॉफी और चाय का सेवन सिरदर्द का कारण साबित होता है। साल 2010 की रिसर्च के अनुसार फास्टिंग के दौरान हेल्दी मील्स न लेने से सिर के बीचों बीच माइल्ड दर्द की शिकायत बढ़ जाती है। इसके लिए वॉटर इनटेक को बढ़ाएं।

3 एसिडिटी

खाली पेट रहने से पेट में एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। इससे अपच का सामना करना पड़ता है और खाना निगलने में भी तकलीफ बढ़ जाती है। पेट में एसिड बढ़ने से मुंह में खट्टास रहती है। मांसपेशियों का कार्य सुचारू रूप से न हो पाने के कारण एसिड रिफ्लक्स की समस्या बढ़ जाती है। देर तक कुछ न खाने के बाद एकदम मील्स लेने से एसिडिटी बढ़ने लगती है। इसके चलते सीने में भी जलन रहती है। इससे राहत पाने के लिए व्रत में हेल्दी और हल्का आहार लें।

4 ज्यादा भूख लगना

लंबे वक्त तक कुछ न खाने के बाद एक साथ बहुत सी एंप्टी कैलोरी इनटेक बढ़ने से शरीर में कैलोरी स्टोरज़ बढ़ने लगता है। इससे वेटगेन का सामना करना पड़ता है और एपिटाइट बढ़ जाता है। बार बार लगने वाली भूख शरीर में मोटापे की समस्या को भी बढ़ा देता है।