Fasal Bima Yojana : पूरे भारत में भीषण ठंड का प्रकोप जारी है, जिससे कई क्षेत्रों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। गेहूं, चना, अलसी, मसूर, सरसों, सूरजमुखी, जौ, मक्का, जीरा, इसबगोल, आलू, मटर और मेथी कुछ प्रमुख फसलें हैं जो इससे प्रभावित हुई हैं। ऐसे चरम मौसम के दौरान फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाना बहुत ज़रूरी है।
मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। इस योजना के तहत, किसान प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले फसल नुकसान के लिए मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे चुनौतीपूर्ण समय में उन्हें सहायता मिल सके।
योजना के तहत प्रीमियम दरें
इस योजना के तहत किसानों को रबी फसलों के लिए केवल 1.5% का प्रीमियम देना होगा, जबकि सरकार बीमा की बाकी लागत वहन करती है। बागवानी फसलें भी कवर की जाती हैं, लेकिन उनकी प्रीमियम दर 5% निर्धारित की गई है। इससे किसानों के लिए बीमा किफ़ायती हो जाता है।
आवश्यक दस्तावेज
योजना के लिए आवेदन करने के लिए, किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखने होंगे:
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- भूमि रिकॉर्ड या किरायेदारी समझौता
- स्व-घोषणा प्रमाण पत्र
आवेदन कैसे करें
किसान विभिन्न माध्यमों से योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं :
- निकटतम बैंक या प्राथमिक कृषि ऋण समिति (PACS)
- सामान्य सेवा केंद्र (CSC) या ग्राम स्तरीय उद्यमी (VLE)
- कृषि विभाग कार्यालय
- किसी बीमा कंपनी का प्रतिनिधि
- राष्ट्रीय फसल बीमा योजना पोर्टल (NCIP) के माध्यम से
ऑनलाइन सहायता और हेल्पलाइन
प्रश्नों या समर्थन के लिए, किसान निम्न पर कॉल कर सकते हैं:
- अपनी फसल बीमा कंपनी का टोल-फ्री नंबर
- केंद्र सरकार की हेल्पलाइन: 1800-180-1551
पीएम फसल बीमा योजना के तहत राज्य
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) उन सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की गई है जहाँ कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हालांकि, भागीदारी इस बात पर निर्भर करती है कि केंद्र सरकार के सहयोग से योजना को अपनाने के लिए राज्य या केंद्र शासित प्रदेश कितना इच्छुक है।
प्रमुख राज्य: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़।
पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्य: हिमाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा और केरल।
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