Aaj Samaj (आज समाज), Farming Lab , करनाल, 7अगस्त, इशिका ठाकुर
करनाल के भारतीय गेहूँ एवं जो अनुसंधान संस्थान में मंगलवार को कौशल विकास भवन और प्राकृतिक खेतीप्रयोगशाला की आधारशिला डॉ नरहरि सिंह बांगड, निदेशक, हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पंचकुला (हरियाणा) के द्वारा रखी गई।
इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्राकृतिक खेती जहां एक और मनुष्यों में बढ़ती बीमारियों के परिदृश्य में महत्वपूर्ण हैं वही दूसरी ओर यह उर्वरकों व कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से मृदा व जल के प्रदूषण से हुए वातावरण को पुनः स्वस्थ रखने के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। कौशल विकास भवन के बारे में उन्होंने कहा कि यह हरियाणा के कृषि विभाग के अधिकारियों व किसानों को गेहूँ एवं जौ के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण देने के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र का कार्य करेगा। इस अवसर पर उद्यमशीलता विकास, प्राकृतिक खेती और हरियाणा राज्य के लिए बीज वितरण के लिए हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पंचकुला (हरियाणा) एवं भारतीय गेहूँ एवं जो अनुसंधान संस्थान, करनाल के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर की गए।
इससे पूर्व कीट पालन प्रयोगशाला का उद्घाटन भारतीय गेहूँ एवं अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ ज्ञानेंद्र सिंह ने किया उन्होंने कहा कीट पालन प्रयोगशाला से मित्र कीटों को पालने में सहायता मिलेगी एवं उन पर सुगमता से अध्ययन किया जा सकेगा। डॉ ज्ञानेंद्र सिंह ने इस संस्थान द्वारा विकसित प्रचलित किस्मों द्वारा रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन की सफलता गाथा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संस्थान के पास वर्तमान में 8.0 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन वाली गेहूं की किस्में हैं और भविष्य में संस्थान द्वारा 10.0 टन प्रति हैक्टेअर उत्पादन वाली गेहूं किस्मों के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा हैं। इस मोके पर राजेंद्र शर्मा मीडिया प्रभारी माजूद रहे।
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