नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनोंके खिलाफ किसानोंकेऔर सरकार के बीच गतिरोध जारी है। किसान अपनी जिद पर अड़ेहैंवह किसी भी कीमत पर इस कानून को खत्म कराना ही चाहते हैं। जबकि सरकार की ओर से कई बार काननू मेंसंशोधन को लेकर प्रस्ताव आंदोलन कर रहे किसानों को भेजा जा चुका है। किसान टस सेमस होनेको तैयार नहीं है। अब किसान सरकार को घेरेने के अन्य रास्ते तलाश रहेहैं। दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की ओर से किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने मंगलवार शाम कहा कि आज पंजाब के 32 किसान संगठनों की बैठक हुई और उसमेंयह फैसला लिया गया है कि केंद्र सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव पर कल की बैठक में फैसला लिया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि आगामी गणतंत्र दिवस की परेड मेंब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के शामिल होने पर हम उनके सांसदों को लिख रहे हैं कि वे ब्रिटेन के पीएम को भारत आने से तब तक के लिए रोक दें, जब तक कि किसानों की मांगें भारत सरकार से पूरी नहीं हो जातीं। बता देंकि दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन आज 27वें दिन भी जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द मांगों को मान लेने की अपील की है। वहीं सरकार की ओर से किसानों को स्पष्ट कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं लिया जाएगा लेकिन सरकार किसी भी संशोधन के लिए तैयार है। इतने दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों के पास केंद्र सरकार की ओर से रविवार को फिर सेवार्ता का प्रस्ताव भेजा गया। किसान संगठन वार्ता के प्रस्ताव पर फैसला लेंगे। 32 किसान संगठनों के अधिकांश नेता केंद्र सरकार के उक्त प्रस्ताव को रस्मी मान रहे हैं, लेकिन सरकार के साथ बातचीत करनी है अथवा नहीं, इसका फैसला संयुक्त मोर्चा के नेता सामूहिक रूप से लेंगे। ।
– कृषि मंत्री के साथ बैठक के बाद इंडियन किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी राम कुमार वालिया ने कहा कि कानून ठीक हैं, लेकिन जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं उनको दूर करने की जरूरत है। 90% किसानों ने कानून नहीं पढ़ा है। मेरा प्रदर्शनकारियों से आग्रह है कि आंदोलन में राजनीति हावी न होने दें।
– केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज अनेक किसान यूनियन के पदाधिकारी आए और उनकी ये चिंता है कि सरकार बिलों में कोई संशोधन करने जा रही है। उन्होंने कहा है कि ये बिल किसानों की दृष्टि से बहुत कारगर हैं और किसानों के लिए फायदे में हैं और बिल में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए।
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