इशिका ठाकुर, कुरुक्षेत्र:
कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में आज भारतीय किसान यूनियन चढूनी के द्वारा किसानों की एक मीटिंग रखी गई इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य मुस्तफा मालिकाना वह देह शामलात की जमीनों का रहा। किसानों का मानना है कि सरकार किसानों से यह जमीन छीनना चाहती है। जिसके नोटिस भी किसानों को आने शुरू हो गए हैं। वह कुछ जगहों पर प्रशासन भेज कर कब्जे भी छुड़वाए जा रहे हैं। किसानों का मानना है कि सरकार चाहती है कि उनकी जमीनें उनसे छीन कर प्राइवेट कंपनियों को दे दी जाए। किसान को खत्म कर दिया जाए।
इसी मुद्दे को लेकर किसान पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। 25 व 26 अगस्त को किसानों ने हरियाणा कैबिनेट मंत्रियों के घर का घेराव भी किया था। किसानों ने इस बात की भी चिंता जताई है कि जो जमीने संस्थाओं को दी गई है सरकार अब उनसे वह जमीन वापस लेगी। किसानों ने ऐलान किया है कि 28 अगस्त को किसान अर्धनग्न होकर जिला सचिवालय पर प्रदर्शन करेंगे व सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश की प्रतियां जलाएंगे।
इस मौके पर गुरनाम सिंह चढूनी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज की इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य किसानों की जमीनें बचाना है जो सरकार किसानों से छिनना चाहती है उन्होंने कहा कि इसके लिए वह हमेशा लड़ते रहेंगे व जहां भी प्रशासन कब्जा लेने जाएगा सभी इकट्ठा होकर वहां पर पहुंचेंगे। आज की मीटिंग बारे बातचीत करते हुए कहा कि आज फैसला लिया गया है आने वाली 28 तारीख को किसान जिला सचिवालयों पर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करेंगे। वही गुरनाम सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो भी व्यक्ति सरकार के खिलाफ जाता है उस पर ईडी या सीबीआई के छापे पढ़ने शुरू हो जाते हैं यह सरकार की तानाशाही है सरकार किसी भी व्यक्ति को आगे नहीं आने देना चाहती। तेलंगाना सरकार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने किसानों के लिए बहुत से अच्छे कदम उठाए हैं वह दूसरी सरकारों को भी उस नक्शे कदम पर चलना चाहिए। योगेंद्र यादव के एसकेएम कोर कमेटी कि से इस्तीफा देने बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह उनका निजी फैसला है वह इस बारे में कुछ नहीं जानते।
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