प्रदेश में कुल 50 जगह रोका जाएगा रेल मार्ग
पंजाब से होकर गुजरने वाली ट्रेन होंगी बाधित
Punjab Farmer Protest (आज समाज), चंडीगढ़ : अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदेश भर के किसान संगठन आज एक बार फिर से रेल मार्ग बाधित करने जा रहे हैं। यह प्रदर्शन दोपहर 12 से ढाई बजे तक होगा। इस दौरान प्रदेश में करीब 50 जगह किसान संगठन ट्रेनें रोकेंगे और प्रदर्शन करेंगे। इसी के चलते आज प्रदेश से होकर गुजरने वाली ट्रेनों का संचालन बाधित होने के पूरे चांस हैं।
दूसरी तरफ रेलवे ने किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए तैयारियां पूरी कर ली है। दरअसल लखीमपुर खीरी कांड में इंसाफ और किसानों की मांगों को लेकर आज किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की ओर से पंजाब के 22 जिलों में 50 से अधिक जगहों पर दो घंटे के लिए रेलें रोकी जाएंगी।
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अपनी 12 मांगों को लेकर किसान करेंगे प्रदर्शन : पंधेर
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि यह रेल रोको आंदोलन दोपहर साढ़े 12 बजे से लेकर ढाई बजे तक होगा। यह आंदोलन लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और उसके बेटे आशीष मोनू मिश्रा को सजा न मिलने के विरोध में और एमएसपी समेत बाकी 12 मांगों के समर्थन में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के अलावा हरियाणा, राजस्थान, यूपी, एमपी, और तमिलनाडु में भी इसका असर देखने को मिलेगा।
यहां रोकेंगे ट्रेनें
पंधेर ने बताया कि जिला गुरदासपुर में बटाला, जिला तरनतारन में तरनतारन शहर और पट्टी, जिला होशियारपुर में टांडा और होशियारपुर खास, जिला लुधियाना में किला रायपुर और साहनेवाल, जिला जालंधर में फिल्लौर और लोहिया। फिरोजपुर जिले में तलवंडी भाई, मल्लवालां, माखू, गुरु हर सहाय, मोगा जिले में मोगा स्टेशन, पटियाला में पटियाला स्टेशन, जिला मुक्तसर में मलोट, जिला कपूरथला में हमीरा और सुल्तानपुर, जिला संगरूर में सुनाम, जिला मालेरकोटला में अहमदगढ़ मंडी, फरीदकोट में फरीदकोट सिटी, बठिंडा जिले में रामपुरा फूल और जिला पठानकोट में परमानंद पर रेलों का चक्का जाम किया जाएगा।
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना जारी
वहीं किसान अपनी मांगों को लेकर 12 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों को मनाने के लिए कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला। इसके बाद किसानों का मामला पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एक स्थाई कमेटी का गठन किया है जोकि सीधा किसानों से बातचीत करेगी।
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