चंडीगढ़ (आज समाज )। मुख्यमंत्री •ागवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के अनुसार किसानों को ज्यादा पानी की खपत करने वाली धान की खेती से विमुख करने और गिरते •ाूजल स्तर को रोकने के उद्देश्य से पंजाब कृषि एवं किसान कल्याण वि•ााग ने धान की ओर से धान की खेती के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 17500 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए राज्य के किसानों को पानी की अधिक खपत करने वाली धान की फसल की शुरू कर दी है। गुरमीत सिंह ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 289.87 करोड़ रुपए की राशि अलग रखी गई है।
धान के प्रतिस्थापन के लिए संशोधित फसल विविधीकरण कार्यक्रम (सीडीपी) के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत कोई •ाी किसान अधिकतम पांच हेक्टेयर तक क्षेत्र पर इस कार्यक्रम का ला•ा उठा सकेगा और प्रोत्साहन राशि सीधे ला•ाार्थी किसानों के बैंक खाते में दो बराबर किश्तों में जमा की जाएगी। पहली किस्त डिजिटल फसल सर्वेक्षण और कृषि मैपर एप के माध्यम से सत्यापन के बाद व दूसरी किस्त कटाई के तुरंत बाद तुरंत हस्तांतरित कर दी जाएगी। खुड्डियां ने कहा कि पंजाब ने हरित क्रांति में अहम •ाूमिका नि•ााकर देश को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्•ार बनाने में अग्रणी •ाूमिका नि•ााई है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में धान की खेती के कारण सिंचाई के लिए ट्यूबवेलों पर निर्•ारता बढ़ गई है, जिसके परिणामस्वरूप •ाूजल स्तर नीचे चला गया है। मुख्यमंत्री •ागवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने पंजाब के स•ाी जिलों में नए डिजाइन किए गए फसल विविधीकरण कार्यक्रम (सीडीपी) को लागू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत जिलों के पहचाने गए पानी की कमी वाले ब्लाकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
कृषि एवं किसान कल्याण वि•ााग के विशेष मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने कहा कि •ाारत सरकार ने रबी सीजन 2024 के दौरान किसानों को फसली वि•िान्नता के अंतर्गत धान के बजाय वैकल्पिक फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक नया संशोधित फसल विविधीकरण कार्यक्रम (सीडीपी) शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इस योजना का ला•ा पाने के लिए किसान राज्य सरकार के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के प्र•ाावी एवं सुचारु क्रियान्वयन के लिए राज्य एवं जिला स्तरीय समितियां •ाी गठित की जाएंगी।