कहा- किसानों के प्रति सरकार को अपनी सोच और नीति को बदलना होगा
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि अगर कोई किसान खाद, बीज, कीटनाशक के लिए आत्महत्या करता है तो सरकार के लिए इससे बड़ी कोई शर्म की बात नहीं हो सकती, किसान खाद के लिए चीख रहा है और शासन प्रशासन एक ही बात कहता है कि खाद की कोई कमी नहीं है अगर कमी नहीं है तो किसान को खाद मिल क्यो नहीं रही है, क्योंकि परेशान होकर किसान आत्महत्या कर रहा है।
किसानों के प्रति सरकार को अपनी सोच और नीति को बदलना होगा, किसान देश का अन्नदाता है, उसके मान सम्मान और उसके जरूरतों का ध्यान रखना होगा। सांसद कुमारी सैलजा उकलाना मंडी क्षेत्र के गांव भीखेवाला में आत्महत्या करने वाले किसान रामभगत के घर पर शोक व्यक्त करने पहुंची। उन्होंने परिजनों को सांत्वाना दी। उन्होंने कहा कि खाद के लिए किसान आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे है इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा क्योंकि किसान की जिदंगी से बढ़कर कुछ भी नहीं है। सरकार को ऐसा करना चाहिए कि किसान रामभगत की तरह कोई आत्मघाती कदम न उठाए।
खाद्य विक्रेताओं के गोदामों व स्टॉक की जांच होनी
उन्होंने कहा कि खाद्य विक्रेताओं के गोदामों व स्टॉक की जांच होनी चाहिए, साथ ही अगर कोई खाद विक्रेता डीएपी या यूरिया का स्टॉक रखता है और किसानों को खाद देने से मना करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि एक ओर किसान डीएपी खाद के लिए आत्महत्या कर रहा है तो दूसरी ओर सीएम नायब सैनी दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में डीएपी खाद की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को सेटेलाइट से पता चल जाता हैै कि कौन कहां पर पराली जला रहा है तो सरकार को खाद के लिए लगी लंबी लंबी कतारे दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि अगर खाद है तो किसानों को मिल क्यों नहीं रही है, कौन डीएपी का बैग ब्लैक में बेच रहा है। यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि उकलाना में एक किसान ने खाद न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली।
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