Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : प्रदेश के किसानों की आर्थिकता मजबूत करने के लिए बागवानी मंत्री ने उन्हें पारंपरिक खेती से निकलकर बागवानी के साथ जुड़ने की अपील की है। बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि आज किसान आर्थिक संकट में घिरता जा रहा है। पारंपरिक फसलें घाटे का सौदा साबित हो रही हैं। वहीं यदि किसान बागवानी में अपनाते हैं तो वह इस घाटे को अच्छे मुनाफे में बदल सकते हैं।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि गेहूं, धान सहित अधिकतर फसलों से प्रति एकड़ 30 से 55 हजार रुपये तक की आय होती है, जबकि किसान बागवानी के जरिए प्रति एकड़ 1 लाख से 5 लाख रुपए तक कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि लुधियाना जिले के एक किसान ने पॉली हाउस के माध्यम से प्रति एकड़ 20 लाख रुपये वार्षिक आय अर्जित कर रहा है।
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सरकार कर रही किसानों को प्रात्साहित
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा स्थापित विभिन्न फलों के एस्टेट्स भी बागवानों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। इनसे बागवानों को बागों की देखभाल और उचित खाद के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे अधिक उपज प्राप्त होती है और अनावश्यक खाद से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है। इससे बागवानों को प्रति एकड़ 7000 रुपये का लाभ होता है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य में अमरूद, लीची, और नाशपाती के एस्टेट्स तैयार किए गए हैं, जिन्हें जल्द ही जनता को समर्पित किया जाएगा।
भगत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बागवानों को दी जाने वाली सब्सिडी से संबंधित अन्य राज्यों की नीति का अध्ययन कर राज्य के बागवानों के लिए नीति तैयार की जाए। इसके साथ ही अधिकारियों को एक कनाल भूमि में पॉली हाउस स्थापित करने की संभावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के बागवानों को आगामी वर्ष के दौरान 600 क्विंटल लीची एक्सपोर्ट करने का आॅर्डर भी मिल चुका है। उन्होंने कहा कि विभाग को मजबूत करने के लिए खाली पड़ी सभी रिक्तियों को जल्द ही भरा जाएगा।
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