नई दिल्ली। केंद्र सरकार के द्वारा पास किए गए कृषि कानून के खिलाफ किसान सड़क पर उतर गए हैं। किसानों की मांग है कि सरकार इस कानून को रद करे। जिसकेलिए कानून का विरोध करते हुए किसान पंजाब, हरियाणा से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। अब किसानों ने सरकार के साथ बातचीत सेठीक पहले एलान किया है कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए और इस कानून को रद्द करे। किसान नेताओं का कहना है कि अगर कृषि कानूनों से संबंधित उनकी परेशानियों का हल नहीं होतो है तो वह और कदम उठाएंगे। किसानों के नेताओं ने आज मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार कृषि कानून को रद्द नहीं करती है तो हम दिल्ली की और सड़कों को ब्लाक करेंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, ”अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी तो हम और कदम उठाएंगे।” वहीं, किसान नेता दर्शन पाल ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा, ”केंद्र को नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि केंद्र किसान संगठनों में फूट डालने का काम कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा। इससे पहले, करीब 32 किसान संगठनों के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर बैठक की जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए।