Farmers Protest Updates: ट्रैक्टर-ट्रालियों के बिना दिल्ली जाने से किसानों का साफ इनकार

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Farmers Protest Updates ट्रैक्टर-ट्रालियों के बिना दिल्ली जाने से किसानों का साफ इनकार
Farmers Protest Updates : ट्रैक्टर-ट्रालियों के बिना दिल्ली जाने से किसानों का साफ इनकार

Police and Administrative Officers Meet Farmers, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा के अंबाला में शंभू बॉर्डर पर फरवरी-2024 से धरने पर बैठे पंजाब के किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ दिल्ली जाने की अपनी जिद पर अड़े हैं। दरअसल, हरियाणा और पंजाब के वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने पिछले कल पटियाला के पुलिस लाइन मेेंं किसान जत्थेबंदियों के साथ शंभू बॉर्डर को लेकर बैठक की। लगभग बैठक एक घंटा चली और दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बनी। किसानों ने बिना ट्रैक्टर-ट्रालियों के दिल्ली जाने से साफ इनकार कर दिया।

बैठक में लोगों को हो रही असुविधा का हवाला दिया

पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठक में लोगों को हो रही असुविधा का हवाला भी दिया, लेकिन इसके बावजूद किसान नहीं माने। किसान नेताओं ने कहा कि रास्ता किसानों ने नहीं, बल्कि हरियाणा सरकार ने बंद किया है। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने मोटर व्हीकल एक्ट का हवाला देते हुए कहा, अगर किसान मांगों को लेकर केंद्र से बात करना चाहते हैं, तो फिर वह ट्रैक्टर-ट्रालियों के बिना जाएं। इस पर किसानों ने कहा कि ट्रैक्टर-ट्रालिया उनके लिए दूसरा घर हैं। हर मौसम में ट्रैक्टर-ट्रालियां किसानों का बचाव करती हैं, इसलिए ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ ही किसानों को आगे बढ़ने की अनुमति दी जाए।

हरियाणा-पंजाब से ये अधिकारी हुए शामिल

हरियाणा-पंजाब के एडीजीपी (ला एंड आर्डर), एसएसपी पटियाला नानक सिंह, डीसी पटियाला शौकत अहमद परे, अंबाला के एसएसपी व डीसी ने बैठक में भाग लिया। वहीं दोनों किसान जत्थेबंदियों की तरफ से करीब 7 सदस्य मीटिंग में शामिल हुए।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक बातचीत के जरिये मामले के हल को बनाई जाने वाली कमेटी के नामों पर कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने बैठक में मोटर व्हीकल एक्ट का हवाला देकर बिना ट्रैक्टर-ट्रालियों के किसानों को जाने के लिए कहा।

जवाब में किसानों ने कहा, अगर एक्ट की ही बात है, तो ऐसे में ट्रैक्टर-ट्रालियां सड़क पर चढ़ ही नहीं सकती हैं। लेकिन किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में ही अपनी फसलें बेचने के लिए 50-50 किमी दूर जाते हैं। यही नहीं 13 फरवरी को जब पंजाब के कोने-कोने से किसान शंभू व खन्नौरी बॉर्डरों पर पहुंचे थे, उस समय भी ट्रैक्टर-ट्रालियों पर ही आए थे। तब भी कानून व्यवस्था का कोई मसला खड़ा नहीं हुआ था।