Punjab Farmers Protest: किसानों ने दिल्ली कूच टाला

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Punjab Farmers Protest: किसानों ने दिल्ली कूच टाला
Punjab Farmers Protest: किसानों ने दिल्ली कूच टाला

कहा-केंद्र सरकार 14 फरवरी से पहले चंडीगढ़ की बजाए दिल्ली में करें बैठक
Punjab Farmers Protest (आज समाज) पटियाला: पंजाब के किसानों ने कल शंभू बार्डर से दिल्ली कूच करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। इससे पहले आज किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने दिल्ली ने कहा था कि किसान हर हाल में दिल्ली कूच करेंगे। आज उन्होंने दिल्ली कूच करने वाले किसानों के नामों की लिस्ट जारी करनी थी। लेकिन केंद्र सरकार से बातचीत का न्योता मिलने पर उन्होंने कल दिल्ली कूच करने के फैसले को वापस ले लिया है।

यह जानकारी खुद किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने प्रेस कांफ्रेंस में दी। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार 14 फरवरी से पहले किसानों के साथ बैठक करें। उन्होंने बैठक चंडीगढ़ की बजाए नई दिल्ली में करने की मांग की।

26 को किसान निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च

फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून समेत अन्य मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आज (20 जनवरी) पंजाब-हरियाणा समेत देशभर में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के आवास का घेराव करने का ऐलान किया था। हालांकि, केंद्र से बातचीत का न्योता मिलने के बाद एसकेएम ने कहा कि सभी किसान घेराव करने की बजाय ई-मेल के जरिए सांसदों को मांगों का ज्ञापन भेजें। 26 जनवरी को देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकाले जाएंगे।

एमएसपी पर गारंटी कानून लागू न होने तक आमरण अनशन पर रहेंगे डल्लेवाल

केंद्र सरकार की और से 14 फरवरी को बातचीत का प्रस्ताव आने के बाद भी डल्लेवाल ने साफ कर दिया है कि वह एमएसपी पर गारंटी कानून लागू न होने तक कुछ नहीं खाएंगे। उनका अनशन जारी रहेगा। हालांकि, किसानों के कहने पर शनिवार देर रात से मेडिकल सुविधा ले रहे हैं। डॉक्टरों ने उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया हुआ है। इधर, डल्लेवाल की निगरानी कर रहे डॉक्टरों की टीम में शामिल डॉ. स्वयमान सिंह कहना है कि डल्लेवाल 14 फरवरी तक केवल मेडिकल एड पर जिंदा रह पाना मुश्किल है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 56वां दिन है।

हरियाणा पुलिस ने किसानों को भेजे नोटिस

वहीं किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि किसान आंदोलन-2 के समर्थन में 23 फरवरी 2024 को हिसार के खेड़ी चौपटा में इकट्ठे हुए किसानों पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में कई किसान घायल हुए थे और कई झूठे मुकदमे दर्ज किए गए थे।

उस समय प्रशासन ने किसानों से समझौता कर मुकदमे रद्द करने का वादा किया था, लेकिन हाल ही में किसानों को फिर से नोटिस भेजे जा रहे हैं। आंदोलन से जुड़े मुकदमों को रद्द करवाना दोनों मोर्चों की प्राथमिकता है। केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी।

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