अभी तक 10 लाख किसानों ने कराया पंजीकरण, टेंशन में सरकार
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा के किसान अबकी बार मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कराने में रूचि नहीं दिखा रहे है। जबकि गेहूं की खरीद शुरू होने में 11 दिन शेष है। ऐसे में सरकार की टेंशन बढ़ गई है। बिना पोर्टल पर पंजीकरण के किसान अपना गेहूं नहीं बेच पाएंगे। अभी तक प्रदेश के 10 लाख किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। जोकि पिछले साल के मुकाबले काफी कम है। ऐसे में सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वह किसानों को जल्द से जल्द पोर्टल पर पंजीकरण कराने के जागरूक करें। ताकि किसानों को फसल बेचने में कोई परेशानी न आए।
विभाग ने अब किसानों को एमएफएमबी पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। विभाग ने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अब पंजीकरण शिविरों की संख्या बढ़ा दी है। इसके अलावा घर-घर संपर्क कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं। यहां तक कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी फोन कॉल के जरिए किसानों से सक्रिय रूप से संपर्क करने लगे हैं। कृषि उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने किसानों से जल्द से जल्द अपना पंजीकरण पूरा करने का आग्रह किया है।
पूर्व सीएम मनोहर लाल ने किया था पोर्टल लांच
हरियाणा का मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल एक ऐसा आॅनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां किसान अपनी फसल, खेत और अन्य संबंधित जानकारी दर्ज कर सकते हैं। 5 जुलाई 2019 को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल की शुरूआत की थी।
इस पोर्टल पर किसान अपना फसल संबंधी डिटेल अपलोड कर खेती-किसानी से जुड़ी राज्य की सभी सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। यह जमीन के रिकॉर्ड के साथ एकीकृत है। इसमें किसान अपनी निजी जमीन पर बोई गई फसल का ब्यौरा देता है। इसी आधार पर उसकी फसल उपज की खरीद तय होती है।
पंजीकरण कराने में सिरसा पहले स्थान पर
20 मार्च को दोपहर 3 बजे तक कुल 10,83,448 किसानों ने 62,80,694 एकड़ कृषि भूमि को एमएफएमबी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया है। जिलों में, सिरसा 7.54 लाख एकड़ रजिस्टर्ड भूमि के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद हिसार (5.74 लाख एकड़), भिवानी (5.63 लाख एकड़), फतेहाबाद (4.17 लाख एकड़), करनाल (4.11 लाख एकड़) तथा कैथल और जींद (3.66 लाख एकड़ प्रत्येक) का स्थान है।
अकेले गेहूं के लिए 44.22 लाख एकड़ का पंजीकरण हुआ है, जिसमें सिरसा (5.62 लाख एकड़), हिसार (4 लाख एकड़), करनाल (3.89 लाख एकड़) और फतेहाबाद (3.79 लाख एकड़) सबसे आगे हैं। सबसे कम गेहूं पंजीकरण फरीदाबाद (32,503 एकड़) और पंचकूला (26,400 एकड़) में हुआ है।
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