प्रवीण वालिया, करनाल:
कृषि से संबंधित तीन विवादित कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर किसानों के हौंसले बरकरार दिखाई दे रहे है। जिसके चलते किसानों की टोंलियां प्रतिदिन गांव गांव से लगातार आंदोलन में शामिल होकर अपनी आवाज को किसान बुलंद्व कर रहे हैं। गत आठ माह से चल रहे किसान आंदोलन में किसानों के आने जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसी सिलसिले के चलते सोमवार को जनपद के गांव घौघड़ी पुर से दर्जनभर किसानों ने खाने पीने आदि का सामान लेकर सिंघू बॉर्डर के लिए कूच किया। किसानों के जत्थे की अगुवाई ग्राम इकाई के प्रधान राजबीर सिंह राजा ने तथा भारतीय किसान यूनियन प्रदेश के संगठन सचिव श्याम सिंह मान ने की। किसानों ने पूरे जोश के साथ किसान मजदूर एकता जिंदाबाद व जब तक बिल वापिसी नहीं तब तक घर वापिसी नहीं के नारे लगा कर अपनी आवाज को बुलंद किया। इस मौके पर प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान ने कहा कि तीनों बिलों की वापिसी की किसानों की मांग को केंद्र की सरकार जानबूझ कर अनदेखी कर रही है। इन कानूनों के लागू हो जाने के बाद आमजन की जिंदगी बड़े बड़े पूंजीपतियों के हाथों में फंस जाएगी। इसलिए इन तीनों विवादित कृषि कानूनों को रद्द किया जाना जरूरी है। ग्राम प्रधान राजबीर राजा ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों के हौंसले बुलंद हैं। संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक काले कानूनों को खत्म नही किया जाता। इस अवसर पर किसान नेता श्याम सिंह मान, भरतरी सिंह मान, राजबीर सिंह, जयपाल शर्मा, हरपाल मान, जोगिन्द्र मान, अनुज मान सहित कई किसान मौजूद रहे।
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