केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को देश के गृहमंत्री अमित शाह ने बातचीत के लिए बुलाया। अमित शाह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा निश्चित की गई तारीख से पहले ही किसानों को बातचीत केलिए आमंत्रित कर लिया है। उम्मीद की जा रही है कि शायद इससे कोई हल निकल आए। लेकिन इस मसले में समस्या यह है कि किसान कृषि बिल को निरस्त करनेकी मांग को लेकर ही आगे आ रहे हैं। वह केवल ‘हां’ या फिर ‘नहीं’ में जवाब मांग रहे हैं। किसान नेताओं ने भारत बंद’ सफल होनेकी बात कही और कहा कि वह जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे तो अपनी मांगों पर केवल ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब मांगेंगे। बता दें कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से किसानों की छठे दौर की वार्ता बुधवार को होनी थी। किसान नेता आर.एस. मनसा ने सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”बीच का कोई रास्ता नहीं है। हम आज की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह से केवल ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब देने को कहेंगे। मनसा ने दावा किया कि केंद्र सरकार ‘भारत बंद’ के सामने झुक गई है। एक अन्य नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि ‘भारत बंद सफल रहा और केंद्र सरकार को अब पता है कि उसके पास कोई रास्ता नहीं है। स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 25 राज्यों में करीब 10,000 जगहों पर बंद आहूत किया गया।”