सोनू भारद्वाज, रोहतक: किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे नेताओं का कहना है कि अगर भाजपा की सरकार देश में होती तो अभी तक हो जाती बातचीत, देश में केवल मोदी सरकार, जिसे चला रही है। कोई कंपनी, सरकार नहीं करना चाहती बातचीत। हम किससे बात करें।
हमारा आंदोलन कानून रद्द होने तक ऐसे ही चलेगा,जनता कर रही है भाजपा के नेताओं का इंतजार कब तक नहीं घुसेंगे गांव में। पेट्रोल, डीजल, गैस के बढ़ते दामों को लेकर भी बनेगी रणनीति। बंगाल की तर्ज पर अब पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी किसान भाजपा की नींद उड़ाने के लिए रणनीति तैयार कर रहे है। रोहतक पहुचे किसान नेता राकेश टिकेट ने स्पष्ठ किया है कि इन दोनों राज्यो में चुनाव के दौरान अपनी बात रखेंगे।साथ ही लगातार बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर भी प्रदर्शन की तैयारी में है किसान।किसान नेता ने स्पष्ठ किया है कि वो आन्दोल को लेकर अलग रणनीति तैयार करेंगे दिल्ली कूच के लिए भी रणनीति तैयार होगी।
इसके साथ ही गांवों में भाजपा नेताओं का विरोध लगातार जारी रहेगा। अब किसान बढ़ते गैस डीजल ओर पेट्रोल के दामों को लेकर भी सरकार के खिलाफ रणनीति बनाएंगे ये कहना है किसान नेता राकेश टिकैत वो आज रोहतक में सिथित महिला पिंक धरने में शिरकत करने पहुँचे थे।साथ ही पंजाब और उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव में किसान भाजपा की नींद उड़ाने वाले है।वही लंबे हो रहे किसान धरने को लेकर राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार बातचीत कर ही नही रही है इससे तो यही लगता है कि देश मे सरकार नाम की चीज ही नही है।वही भाजपा नेताओं के लगातार हो विरोध को लेकर भी किसान शक्त नजर आ रहे है।और गांव में भाजपा नेताओं के घुसने पर यूंही विरोध जारी रहेगा। वहीं दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि अब आंदोलन को लेकर अलग रणनीति बनाई जाएगी और दिल्ली कूच को लेकर चर्चा की जाएगी।उन्होंने कहा कि बढ़ते तेल के दामों को लेकर अलग से रणनीति बनाई जाएगी ।उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं का गांवों में घुसने पर विरोध युही जारी रहेगा।राकेश टिकेट का कहना है कि सरकार किसानों से बातचीत करना ही नही चाहती ओर देश में सरकार नाम की कोई चीज नही है देश मे केवल मोदी सरकार है जो निजी कंपनियां चला रही है।वही पंजाब और उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनाव में सरकार के खिलाफ प्रचार करने की रणनीति बनाई जा रही है।गौरतलब है कि किसान नेता राकेश टिकैत रोहतक में महिलाओं के पिंक धरने पर पहुँचे थे।