पंजाब में किसानों का पहला आंदोलन, बातचीत से मामला ठंडा Farmers movement in Punjab

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Farmers movement in Punjab
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आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
Farmers movement in Punjab : पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ किसानों ने पहला आंदोलन किया। किसान पहले की सरकारों की खिलाफ भी विरोध का झंडा बुलंद करते रहे हैं। आप सरकार से बातचीत के बाद यह आंदोलन जल्द ठंडा पड़ गया। भारतीय किसान यूनियन और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के सदस्यों ने कथित तौर पर कई किसानों को फसल मुआवजा दिए जाने से इनकार करने का विरोध किया।

28 मार्च को अधिकारियों को बनाया था बंधक

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प्रदर्शनकारियों ने बीती 28 मार्च को राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों को भी बंधक बना लिया था। अगले दिन, विरोध दबाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया। तब से किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे। हालांकि अब आधिकारिक सूत्रों के हवाले से पंजाब सरकार मुक्तसर में 70,000 एकड़ पर 5,400 रुपये प्रति एकड़ की दर से फसल का 50% मुआवजा देने पर सहमत हो गई है। हालांकि सरकार ने मुआवजा देने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की।

मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त राहत पर दी थी सहमति

भारतीय किसान यूनियन-उग्राहां की ओर से भी बताया गया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को 50 करोड़ और प्रभावित भूमि पर काम करने वाले मजदूरों को 5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राहत देने पर सहमति दी है। मुक्तसर में विशेष गिरदावरी के बाद खारे पानी और ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान पर भी राहत मिलेगी।

संगठन की ओर से बताया गया कि सहमति के बाद आंदोलन खत्म कर दिया गया है। संघ के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहां ने बताया, हमने विरोध करने वाले किसानों पर बल प्रयोग करने तत्कालीन मुक्तसर डीसी और मलोट डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। साथ ही किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की भी।

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