नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्वअध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र के कृषि कानून का विरोध प्रारंभ से कर रहेहैं। उन्होंने इस कानून को किसानों के खिलाफ बताया था और कहा था कि इससे केवल कॉपोरेट को ही फायदा होने वाला है। अब किसानों और सरकार की लड़ाई सड़क पर आ गई है। किसान केंद्र सरकार से मांग कर रहेहैं कि इस नए कृषि कानून को समाप्त कर दिया जाए। जबकि सरकार इस बात के लिए तैयार नहीं है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया हैकि वह कृषि बिल में संशोधन के लिए तैयार है। सरकार की ओर से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहेकिसानों को बातचीत के लिए प्रस्ताव भेजा गया था जिसे किसानों ने ठुकरा दिया। किसान पिछले 29 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच में कई दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर सभी बेनतीजा रही हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर अड़े हैं। अब इन किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी सड़क पर उतर चुके हैं। कांग्रेस ने कहा थ कि कांग्रेस राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद आज यानी 24 दिसंबर को करीब 11 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौंपेंगे। इसमें केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया जाएगा। हालांकि, दिल्ली पुलिस के मुताबिक, राहुल गांधी के इस मार्च को इजाजत नहीं दी गई है, जिनके पास परमिशन होगा, वही जाएंगे।
-पुलिस ने प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया।
-राहुल गांधी ने कहा कि देश में कोई लोकतंत्र नहीं है, ये सिर्फ कल्पना में हो सकता है लेकिन वास्तव में नहीं है। नेताओं को हिरासत में लेना इस सरकार के कार्यकाल में सामान्य बात है। राहुल गांधी ने कहा कि आपके पास एक अक्षम शख्स है, जो कुछ भी नहीं समझता और सिस्टम को उन तीन-चार लोगों के पक्ष में चला रहा है, जो सब समझते हैं। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि पीएम मोदी पूंजीपतियों के लिए पैसा बना रहे हैं। जो भी उनके खिलाफ खड़ा होगा, उसे आतंकवादी बताया जाएगा, चाहे वो किसान हो, मजदूर हो या मोहन भागवत हों।