गगन बावा, गुरदासपुर:
कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद के दौरान किसान संगठनों ने रेलवे फाटक पर जाम लगाकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान किसान, मजदूरों, मुलाजिमों, युवाओं के साथ-साथ महिलाओं ने भी भारी संख्या में भाग लिया। रैली की अध्यक्षता त्रिलोक सिंह, मक्खन सिंह, गुरदीप सिंह, कैप्टन दलबीर सिंह, सुखदेव सिंह आदि ने की। सबसे पहले किसान संघर्ष के दौरान शहीद हुए 700 किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर विभिन्न संगठनों के नेताओं ने लोगों को बंद को सफल बनाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत बंद ने साबित कर दिया है कि देश के सभी वर्ग मोदी सरकार की लोक विरोधी नीतियों से बहुत परेशान हैं। मोदी सरकार कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने की नीति पर काम कर रही है, जिसके चलते देश कंगाल हो कर रह गया है। कारपोरेट सेक्टर से संबंधित घराने और अमीर हो गए हैं, जबकि गरीब लगातार और ज्यादा गरीब होता जा रहा है। मजदूरों के पक्ष में बने कानून खत्म कर सरकारी अदारों को अदानी व अंबानी को सस्ते दामों पर बेचा जा रहा है। निजीकरण की नीति को तेज करते देश की कीमती संपत्तियों को कारपोरेट घरानों को सस्ते दाम पर बेचा जा रहा है। नेताओं ने कहा कि 25 सितंबर 2020 के भारत बंद से शुरू हुए इस आंदोलन को 1 साल से ऊपर हो गया है। इसी तरह दिल्ली के मोर्चा पर डटे किसानों को आज 10 माह पूरे हो गए हैं, लेकिन मोदी सरकार आज भी काले कानून रद्द करने पर सहमत नहीं है।
नेताओं ने कहा कि किसान अपनी अंतिम सांस तक काले कानून रद्द कराने की लड़ाई लड़ते रहेंगे। शहीदे आजम भगत सिंह और अन्य शहीदों के सपनों को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। रैली के दौरान प्रण लिया गया कि इस संघर्ष को हर हालत में पूरे अमन के साथ चलाया जाएगा। काले कानून रद्द होने और एमएसपी को पूरे देश में लागू करने तक लड़ाई जारी रहेगी। इस मौके पर जरनैल सिंह, सतनाम सिंह, बलविंदर सिंह, भुवनेश्वर कुमार, शेरा, बीबी हरजिंदर कौर, सुरेंद्र कौर, करनैल सिंह, लेखराज, धर्मवीर, कर्नल पंछी, मनप्रीत सिंह आदि मौजूद थे।