Aaj Samaj (आज समाज), Farmers jammed National Highway, कुरूक्षेत्र,12 जून,इशिका ठाकुर
प्रदेश में सूरजमुखी की फसल की पैदावार करने वाले किसान सरकार से फसल की एमएसपी पर खरीद करने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर किसानों ने 6 जून को नेशनल हाईवे पर जाम लगाया था जिसमें पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए धरना समाप्त करवा दिया गया था तथा पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर किसानों में काफी रोष है। सरकार के रवैए के खिलाफ कुरुक्षेत्र की पिपली अनाज मंडी में रैली कर रहे किसानों की सरकार से बातचीत फेल हो गई है। इसके बाद किसानों ने जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे-44 जाम करने का ऐलान कर दिया है। किसान रैली की जगह से हाईवे जाम करने के लिए कूच कर गए हैं।
किसान नेताओं ने कहा कि 2 बार प्रशासन से बातचीत हुई है। उन्होंने CM से करनाल में बात करने का भरोसा दिया लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री बिना मुलाकात किए चले गए। इससे साफ है कि सरकार पूरे मामले को लेकर गंभीर नहीं है। इसलिए सरकार लाठी-डंडे मारे या जेल भेजें, अब हाईवे जाम किया जाएगा। किसानों की सूरजमुखी को लेकर ‘MSP दिलाओ-किसान बचाओ रैली’ हुई। इसमें हरियाणा के अलावा राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और यूपी से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे है।
किसान सूरजमुखी पर MSP और किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी व दूसरे नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं।रैली में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा-”किसानों ने MSP पर आवाज उठाई और उन्हें लाठियां मिली। सवाल सिर्फ एक फसल पर MSP का नहीं है। सरकार रेट घोषित करती हैं लेकिन उस पर खरीद नहीं करती। MSP गारंटी कानून होना चाहिए। आने वाले समय में इस कानून के लिए आंदोलन होंगे। देश में कलम-कैमरे पर बंदूक का पहरा है।
उन्होंने कहा कि चढ़ूनी की गलती सिर्फ इतनी थी कि MSP मांगी। हरियाणा सरकार किसानों को जल्द रिहा करे। कोई भी किसानों के आंदोलन को लाठियों से नहीं दबा सकता। एक किसान पर लाठी पड़ेगी तो पूरे देश का किसान इकट्ठा होगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि सब लोग हाईवे जाम की बात करते हैं किसान की बात कोई नहीं करता किसानों पर लाठी चलाई जा रही है। फसल आधे रेट पर बिक रही है इस पर बात कोई नहीं करता। किसान तो अपने लिए संघर्ष कर रहा है यह कब तक चलेगा और इसका रिजल्ट क्या होगा यह तो सब किसान मिलकर तय करंगे। एमएसपी का सवाल एक बहुत बड़ा सवाल है यह एक एमएसपी का आंदोलन है। सरकार ने 15 जून तक का टाइम दिया है अगर समाधान नहीं निकला तो इसके बाद आंदोलन की आगामी रूपरेखा बनाई जाएगी।
यदि आंदोलन चला तो आंदोलन लंबा चलेगा। सरकार हठधर्मिता उतरी हुई है
राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार एमएसपी बढ़ाने की बात करती है तो वहीं प्रदेश सरकार एमएसपी घटाने का काम कर रही है यह सरकार की दोगली नीति है। हाईवे जाम को लेकर जो भी स्थानीय कमेटी फैसला लेगी, संयुक्त किसान मोर्चा उनका साथ देगा।
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पीपली में नेशनल हाईवे जाम कर दिया किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक जाम जारी रहेगा। हाईवे जाम के दौरान किसानों के लिए लंगर सेवा भी शुरू कर दी गई।
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