पवन शर्मा, भिवानी :
कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सोमवार को किए गए भारत बंद का व्याप्क असर देखने को मिला। भारत बंद के आह्वान के बाद किसानों ने जिला में 10 हाईवे व दो रेलवे ट्रैक को जाम कर सरकार से तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग की। किसानों ने सुबह छह: बजे ही जाम लगाने शुरू कर दिए जो कि शाम चार बजे तक जारी रहे। इसी कड़ी में सोमवार को किसान नेता जोगेंद्र तालु के नेतृत्व में मुंढ़ाल नेशनल हाईवे को जाम किया गया। किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता जोंगेंद्र तालु ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार हठधर्मिता दिखाते हुए अपनी बात पर अड़ी हुई है। कभी किसानों पर लाठीचार्ज तो कभी वॉटर कैनन करवाकर प्रताड़ित करने का कार्य किया जा रहा है। इसी विरोध में सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया गया था।
इस दौरान किसानों ने कहा कि उनकी लड़ाई सरकार के खिलाफ है, उनका मकसद आमजन को परेशान करने का कतई नहीं है। तालु ने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द कराने और एमएसपी की गारंटी वाले कानून की मांग को लेकर किसान लगातार 10 माह से आंदोलनरत्त है। इसी कड़ी में पिछले दिनों संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 27 सितंबर सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया था। मोर्चे के इस ऐलान पर भिवानी जिला में 12 स्थानों पर जाम लगाए गए, जिनमें दो रेलवे ट्रैक व दस नेशनल हाईवे शामिल रहे। उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता व तानाशाही के चलते किसानों द्वारा भारत बंद का फैसला लिया गया था। यदि सरकार किसानों की मांगें मान लेती तो यह फैसला नहीं लेना पड़ता। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते, किसानों का संघर्ष जारी रहेगा तथा तब तक भाजपा-जजपा नेताओं का बहिष्कार भी जारी रहेगा। इस मौके पर डॉ. विक्की तालु, राजा तालु, बिजेंद्र तालू, आजाद तालू, कर्मबीर मुंढाल, राजकुमार जताई, संदीप बडेसरा, अनिल तालु, सुखबीर तालु, मनीष तालु, प्रदीप तालु, विक्की, सुधीर मुंढाल, सुभाष मुंढाल राजेश तालु सहित अनेक किसान मौजूद रहे।