इशिका ठाकुर,करनाल:
करनाल में भारतीय किसान यूनियन चढूनी के सैकड़ों किसानों में करनाल जिला सचिवालय पहुँचकर अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया,सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी ,शामलात जमीन को लेकर आए कानून को वापिस लेने तथा बरसात के कारण किसानों की खराब हुई फसल के उचित मुवावजे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सचिवालय पहुँचकर ज्ञापन सौंपा।
भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के आह्वान पर बुधवार को किसानों ने मुश्तरका मालकन, शामलात देह व खराब फसल गिरदावरी को लेकर अर्धनगन होकर प्रदर्शन किया। किसानों ने जिला सचिवालय के गेट के सामने प्रतियां जलाकर रोष जताया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। किसानों ने कहा कि यदि उनकी मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया गया तो वह बड़ा आंदोलन छेडऩे पर मजबूर होंगे।
अर्धनग्न होकर सरकार के खिलाफ जताया रोष
देह शामलात और जुमला मुश्तरका जमीनों पर मालिकाना हक के मामले को लेकर भाकियू (चढ़ूनी)गत दिनों बैठक हुई थी। जिसमें फैसला लिया या था कि 28 सितंबर को जिला सचिवालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। आज भाकियू (चढ़ूनी) की कॉल पर किसान जाट भवन में एकत्रित हुए और वहां से अर्धनगन होकर प्रदर्शन करते हुए जिला सचिचालय के सामने प्रदर्शन कर रोष जताया। इस दौरान किसानों ने कानून की प्रतियां भी जलाई और रोष प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासनिक अधिकारियों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसानों को जमीन से बेदखल करना चाहती है सरकार
भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान अजय राणा ने कहा कि सरकार कानून लाकर किसानों को उनकी जमीनों से बेदखल करना चाहती है। देह शामलात जमीन की उनकी पूरानी मांग है। किसान अपनी मांग को लेकर काफी समय से संघर्ष कर रहे है। बारिश के कार किसानों की फसल खराब हो चुकी है। किसान कर्जदार हो चुका है। सरकार किसान की ओर ध्यान नहीं दे रही। उनकी मांग है कि खराब फसलों की गिरदावरी करवाकर किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए।
कानून लाकर किसानों को परेशान कर रही सरकार
किसान ने कहा कि सरकार कानून लाकर किसानों को परेशान कर रही है। सरकार कानून लाकर उनकी जमीनों को हथियाना चाहती है। बहुत ही जमीन तो ऐसी है। जो किसानों ने अपने हिस्से में से दी हुई है। जिसमें जोहड़, तालाब आदि बने हुए है। आठ से नौ प्रकार की जमीनें है जो सरकार किसानों से हथिया कर पंचायतों को देना चाहती है। किसानों को नोटिस भेज कर तंग किया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन चढूनी गु्रप की कॉल पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया है।
आजादी से पहले जमीनों पर खेती कर रहे किसान
उप प्रधान सुकरमल पाल ने कहा कि देह शामलात भूमि को पंचायत को देकर अपने कब्जे लेना चाहती है। जबकि किसान आजादी से पहले जमीन पर खेती कर रहा है, लेकिन किसानों को बेवजय परेशान किया जा रहा है। वहीं किसानों की फसले खराब होने से किसान कर्जदार हो चुका है, लेकिन किसानों की फसल की समय पर गिरदावरी नहीं हो रही। किसानों की मांग है कि जल्द ही फसल की गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिया जाए।
ये भी पढ़ें: शिक्षामंत्री कंवरपाल का राजेंद्र धीमान को एचपीएससी का सदस्य बनाने पर धन्यवाद
ये भी पढ़ें: नव दुर्गा युवा मंडल का 19वां महाविशाल मां भगवती जागरण सम्पन्न
ये भी पढ़ें: राज्य सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल किया शुरू:शांतनु
Connect With Us: Twitter Facebook