रोहतक में हुई किसान-मजदूर संगठनों की बैठक में लिया गया फैसला
Rohtak News (आज समाज) रोहतक: न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, बिजली संशोधन बिल, पराली जलाने के मामले में किसानों को आपराधिक उत्तरदायित्व से मुक्ति आदि मुद्दों को लेकर किसान व मजदूर संगठन एकजुट होकर केंद्र व प्रदेशी की भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। यह निर्णण गत दिवस रोहतक के मानसरोवर पार्क में हुई किसान व मजदूर संगठनों की बैठक में लिया गया।
बैठक की अध्यक्षता किसान नेता प्रीत सिंह की ने की। किसान सभा के जिला सचिव बलवान सिंह ने कहा कि कॉरपोरेट परस्त नीतियों से भाजपा सरकार टस से मस नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आज किसान को अपनी फसल बेचने के लिए धक्के खाने पड़ रहे है। एमएसपी पर फसल खरीदने का दावा करने वाली भाजपा सरकार के राज में किसान औने-पौने दामों पर फसल बेचने को मजबूर है। किसानों की धान की फसल में नमी की मात्रा अधिक बताकर उसे कम रेट पर खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि, 9 दिसंबर 2021 को केंद्र ने जो लिखित आश्वासन दिए थे, उन पर भी अमल नहीं किया। श्रम कानूनों के स्थान पर जो श्रम कोड थौंपे थे वह भी वापस नहीं किए। इनके तहत 8 घंटे की बजाय कंपनी मालिक अपनी मर्जी से कितने ही घंटे काम ले सकते हैं। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने आगामी आंदोलन को घोषणा की है।
इसी दिन किसानों ने किया था दिल्ली कूच
उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 2020 को किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच किया था। इसी दिन मजदूरों ने भी देशव्यापी हड़ताल की थी। जिसे इस 26 नवंबर को 4 साल हो जाएंगे। इस दिन रोहतक में 26 नवंबर को किसान और मजदूरों का संयुक्त चेतावनी प्रदर्शन किया जाएगा। मीटिंग में बीते दिनों हिसार रोड पर मजदूरों के साथ गुंडातत्वों द्वारा की गई, मारपीट की निंदा की गई एवं अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही झूठे केस में फंसाए गए पीड़ितों को रिहा करने की मांग की।
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