Farmer producer organizations got the benefit of departmental schemes: किसान उत्पादक संगठनों को मिले विभागीय योजनाओं का लाभः उपायुक्त

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Farmer producer organizations got the benefit of departmental schemes

आज समाज डिजिटल, चंबाः

Farmer producer organizations got the benefit of departmental schemes: केन्द्रीय क्षेत्र योजना “किसान उत्पादक संगठन के गठन एंव संवर्धन” के तहत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त दूनी चंद राणा ने की।

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किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए विकास मॉडल किए जाएं तैयार Farmer producer organizations got the benefit of departmental schemes

उन्होने कहा कि चूंकि किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की किसानों को उनकी पैदावार की एवज में बेहतर दाम उपलब्ध करवाने के लिए भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे में सभी संबंधित विभागों द्वारा किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए विकास मॉडल बनाए जाएं। उन्होने यह निर्देश भी दिए कि विभिन्न विभागीय योजनाओं को एफपीओ के साथ जोड़ा जाना सुनिश्चित बनाया जाए, ताकि एफपीओ को अपने व्यापार को और बेहतर बनाने में मदद मिल सके।

 

उपायुक्त ने कृषि सखी और स्वयं सहायता समूह को उत्पादक संगठनों के साथ जोड़ने के दिए निर्देश Farmer producer organizations got the benefit of departmental schemes

जिला में कृषि कार्यों के साथ संबंधित गतिविधियों में कार्यशील कृषि सखी और स्वयं सहायता समूह से संबंधित कार्यों की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने इन्हें भी किसान उत्पादक संगठनों के साथ जोड़ने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने समूह आधारित व्यापार संगठनों को और सशक्त बनाने के लिए जिला के प्रत्येक खंड स्तर पर कोल्ड स्टोरेज सुविधा की आवश्यकता पर जोर देते हुए संबंधित विभाग को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी जारी किए।

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कोल्ड स्टोरेज सुविधा के लिए विभाग उठाए आवश्यक कदम Farmer producer organizations got the benefit of departmental schemes

बैठक में नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक साहिल स्वांगला ने अगवत किया कि नाबार्ड द्वारा गठन किए गए दो एफपीओ को सरकार द्वारा 6 लाख रुपये और 1.44 लाख रुपये की मिलान इक्विटी अनुदान के रूप में जारी की गयी है। जारी इक्विटी अनुदान का उपयोग किसान उत्पादक संगठन द्वारा प्राथमिक प्रसंस्करण, पैकेजिंग और मार्केटिंग के विकास के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन को बैंक के माध्यम से मुख्य मंत्री कृषि कोष योजना, कृषि अवसंरचना कोष और पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज के साथ जोड़ा जा रहा है।

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चार किसान उत्पादक संगठनों का कंपनी एक्ट के अंतर्गत गठन Farmer producer organizations got the benefit of departmental schemes

उन्होंने यह भी बताया कि जिला में इस योजना के अंतर्गत छह किसान उत्पादक संगठन के गठन एंव संवर्धन से संबंधित कार्य प्रगति पर है । इसके तहत तीन संगठन राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), दो लघु कृषक-कृषि व्यापार संघ (सएफएसी) और एक राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नाफेड) द्वारा बनाए जा रहे हैं। इसके साथ चार किसान उत्पादक संगठनों का कंपनी एक्ट के अंतर्गत गठन किया जा चुका है। जबकि दो उत्पादक संगठन की प्रक्रिया जारी है।

इस बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मैहरा, उपनिदेशक कृषि कुलदीप धीमान, सहायक निदेशक पशुपालन विभाग डॉ0 दिनेश, जिला प्रबंधक अग्रणी बैंक भूपेन्दर सिंह, सहायक पंजीयक सहकारिता एस संतोष कुमार, सचिव जिला मार्केटिंग कमेटी दीक्षित, बागवानी विस्तार अधिकारी अमिता अबरोल एंव दिव्या और क्लस्टर आधारित व्यापार संगठनों (सी.बी.बी.ओ.) के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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