केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से लगातार बातचीत कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए जिसे सरकार की ओर से ठुकरा दिया गया है। हालांकि किसानों के साथ सरकार की कई दौर की बातचीत हो चुकही है। लेकिन अब तक वह बेनतीजा ही रही है। कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर नेआगामी शुक्रवार की किसानों के साथ बैठक को लेकर उम्मीद जाहिर की है कि आंदोलनकारी किसान संघ भी किसानों की भलाई सोचेंगे और समाधान के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे। गौरतलब है कि पिछलेकरीब 40 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर सैकड़ों किसान केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली की सर्दी में आंदोलनकारी किसान पीछे नहीं हट रहे हैं। वह लगातार अपनी मांगों पर डटे हुए हैं। किसानों और सरकार केबीच सात चरणों की बातचीत हो चुकी है। जिसमें किसान संगठनों की आधी मांगें मान ली गई हैं। लेकिन अब तक तीनों कानूनों को वापस लेनेकी मांग पर किसान अड़े हुए हैं। जिसे सरकार की ओस सेसाफ कर दिया गया है कि वह कानूनों को वापस नहीं लेगी। वहीं एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग पर गतिरोध बना हुआ है। अब आठ जनवरी को किसानों की आठवें चरण की बातचीत सरकार के साथ होगी। उम्मीद की जा रही है कि समस्या का कुछ हल निकले। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम किसानों की भलाई के लिए वचनबद्ध हैं। हम उन लोगों से भी मिलेंगे जो इन कानूनों का समर्थन कर रहे हैं और उनसे भी मिलेंगे जो इनका विरोध कर रहे हैं।