नई दिल्ली। दिल्ली में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ किसान इस ठंड में दिल्ली बार्डर पर डटे हुए हैं। किसानों का आंदोलन जारी है। आज एक बार फिर से किसानों और सरकार के बीच आज वार्ता चल रही है। बारिश और ठंड के बीच दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों की आज एक बार फिर से सरकार के साथ बैठक है। सरकार और किसानों के बीच आज सातवें दौर की बातचीत शुरू हुई है। उम्मीद जताईजा रही है कि इस बैठक से कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। आज यानी सोमवार की बैठक में किसानों ने कानून वापसी और एमएसपी की मांग सरकार के सामने रखी थी। हालांकि पिछली बातचीत में सरकार ने किसानों की दो बातें मान ली थी- बिजली संशोधन विधेयक 2020 और पराली जलाना जुर्म नहीं। किसान संगठन के नेता विज्ञान भवन पहुंचे। सरकार और किसानों के बीच बातीचीत से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर किसानों की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने लिखा- ‘ठंड और बारिश के बीच सड़कों पर डटे हमारे किसानों के हौंसले को सलाम। मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि आज की बैठक में किसानों की सारी मांगें मानते हुए तीनों काले कानून वापस लिए जाएं।’ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम आज एक सकारात्मक समाधान पाएंगे। हम बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। सरकार के साथ बातचीत से पहले किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के संयुक्त सचिव सुखविंदर एस सब्रा ने कहा कि हमारी मांगें पहले की तरह ही तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी देने की हैं। किसानों ने कहा कि हम 6 जनवरी को और 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च करेंगे।
-कृषि मंत्री ने किसानों को साफ किया कि कृषि कानूनों को रद करना संभव है।
-किसानों और सरकार के बीच सोमवार दोपहर से चल रही बैठक खत्म हो गई। एक बार फिर से आठ जनवरी को बैठक होगी। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कानूनों की वापसी के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है।