नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के साथ सरकार की बातचीत चल रही है। किसानों की मांग है कि सरकार नए कृषि बिल को खारिज करे। दूसरी ओर सरकार किसानों सेबातचीत जारी रखे हैं और सरकार चाहती है कि किसी तरह से किसानों को समझा बुझाकर इस मामले का हल निकाला जाए। हजारों की संख्या में किसान पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। उनका साथ देने के लिए और किसानों का जत्था भी दिल्ली और यूपी बॉर्डर पर पहुंच रहा है। तीन दिसंबर को किसानों के साथ सरकार चौथेचरण की बातचीत करनेजा रही है। एक दिसंबर को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसान नेताओं से बातचीत की लेकिन वह वार्ता बेनतीजा निकली। इस बैठक में सभी किसान संगठनों के पदाधिकारी सरकार के समक्ष उठाए जाने वाले अपने-अपने प्वॉइंट साझा करेंगे। यूपी गेट पर डटे भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत भी इस बैठक में शामिल हुए हैं। किसानों के आंदोलन को ट्रांसपोर्टर का भी समर्थन मिला है। तीन कृषि बिलों को लेकर जारी किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे ट्रांसपोर्टरों ने आगामी 8 दिसंबर से देशव्यापी हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है।
-सरकार इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल निकालना चाहती है। जिसके लिए लगातार बैठकों का दौर जारी है। बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह के घर पर बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल उपस्थित रहे। सरकार किसानों को जल्द से जल्द मनाना चाहती है। किसान अपनी बात सरकार से मनवाना चाहती है। किसानों का साथ कांग्रेस भी दे रही है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कल जब किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया गया तो हम सबको उम्मीद थी कि मोदी सरकार किसानों की पुकार सुनेगी और तीन कृषि विरोधी कानूनों को खत्म करने की घोषणा करेगी, लेकिन कृषि मंत्री ने विशेष कमेटी का जुमला पेशकर किसानों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया।
– यूपी बॉर्डर नोएडा से किसान दिल्ली बॉर्डर पहुंचने की कोशिश कर रहे थे तो पुलिस ने किसानों को डॉ. अंबेडकर मेमोरियल पार्क में शिफ्ट किया। किसान नेता का कहना था कि हें गिरफ्तार किया गया है और अस्थायी जेल मेंडाल दिया गया है। जब हमें रिहा किया जाएगा हम दिल्ली पहुंचेगें।