11, 12 व 13 फरवरी को होगा महापंचायतों का आयोजन

Punjab Farmer Protest (आज समाज), चंडीगढ़। किसानों की मांगों को लेकर किसान आंदोलन-2 को एक साल पूरा होने वाला है। 13 फरवरी 2024 से किसान पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करते हुए बैठ गए थे। तभी से लगातार वे अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से कोई बड़ी कोशिश किसानों की मांगों को हल करने के लिए नहीं की गई। वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान मोर्चा पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन अभी भी जारी है। उनके नेतृत्व में चल रहे आंदोलन को लगातार समर्थन मिल रहा है और आगामी महापंचायतों की तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं।

11 को रत्नपुरा मोर्चा पर होने वाली बैठक अहम

11, 12 और 13 फरवरी को रत्नपुरा, दातासिंहवाला-खनौरी और शंभू मोर्चा पर महापंचायतों का आयोजन किया जाएगा। इन महापंचायतों की तैयारियों के तहत 11 फरवरी को रत्नपुरा मोर्चा पर होने वाली बैठक के लिए किसान नेताओं का एक दल कई गांवों का दौरा कर चुका है। उन्होंने पीर कनवाडियां, सुरेवाला, नाईवाला, कुलचंद्र, सहरानी, खाराखेड़ा, गुडÞिया, तंदूरवाली, बशीर और साबूआना आदि गांवों के किसानों से मुलाकात की और उन्हें महापंचायत में शामिल होने का न्योता दिया। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) की पंजाब इकाई के पदाधिकारी भी आज किसान मोर्चा पहुंचे और आंदोलन को अपना समर्थन दिया। इससे किसानों का मनोबल और बढ़ा है शंभू बॉर्डर पर भी किसानों का आंदोलन जारी है।

सरकार कृषि को नीजि हाथों में सौंपने पर तुली

किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार किसानों को निजी मंडियों की ओर धकेलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज चौहान के उस बयान की आलोचना की, जिसमें कहा गया था कि ऐप पर फसल की फोटो अपलोड करने से बेहतर दाम मिल सकते हैं। पंधेर ने कहा कि किसानों की मुख्य मांग एमएसपी गारंटी कानून है, ताकि सरकार किसानों को बाजार में जाने से रोके। उन्होंने आरोप लगाया कि सब्जियां, फल और अन्य फसलें पहले से ही निजी मंडियों में कम दामों पर बिक रही हैं, जिससे किसान कर्ज के बोझ तले दब रहे हैं।

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