कुंडली बॉर्डर पर शहीदी देने वाले संत बाबा राम सिंह जी की दूसरी बरसी पर पहुंचे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी

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Farmer leader Gurnam Singh Chadhuni arrived on the second death anniversary of Sant Baba Ram Singh Ji
Farmer leader Gurnam Singh Chadhuni arrived on the second death anniversary of Sant Baba Ram Singh Ji

ईशिका ठाकुर, असंध:
करनाल के गांव सिगड़ा स्थित गुरुद्वारा एक ओंकार आश्रम नानकसर सिंगडा में किसान आंदोलन के दौरान कुंडली बॉर्डर पर अपनी शहीदी देने वाले संत बाबा राम सिंह जी की दूसरी बरसी मनाई गई।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी पहुंचे उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर को संत बाबा राम सिंह जी हमारे पास कुंडली बॉर्डर पर हमारी झोपड़ी में गए थे, बातों-बातों में ही मैंने कह दिया कि आंदोलन कुर्बानी मांग रहा है और बातचीत करते रहे अगले दिन यह देखने को मिला कि बाबा जी अपनी कुर्बानी दे गए।

किसानों की वकालत करने वाला कोई नहीं

Farmer leader Gurnam Singh Chadhuni arrived on the second death anniversary of Sant Baba Ram Singh Ji
Farmer leader Gurnam Singh Chadhuni arrived on the second death anniversary of Sant Baba Ram Singh Ji

देश की राजनीतिक करेंगे या फिर तेलंगाना की इस सवाल पर चढूनी ने कहा कि राजनीति का सवाल यह है कि हमें वोट का अधिकार मिला है। आजादी में कुछ नहीं मिला। जो कानून बनने है वे सड़क पर नहीं, बल्कि देश की संसद में बनते है। जहां पर कानून बनते है वहां किसानों की वकालत करने वाला कोई नहीं है वहां पूंजीपतियों के लोग बैठे है। हमने तेलंगाना का दौरा भी किया है, जहां पर यह देखने को मिला है कि आठ साल तेलंगाना को बने हुए हो चुके है, लेकिन वहां पर आज भी खेती के लिए बिजली फ्री है। एक साल में किसान को एक एकड़ पर 10 हजार रुपए भी फ्री मिलते है। हर किसान का पांच लाख का बीमा है। चाहे किसान की किसी भी तरह से मृत्यु हो। बेरोजगार मजदूर को रोजगार खोलने के लिए 10 लाख रुपए तक दिए जाते है। उन्होंने कहा कि हमारा देश भूख मरी की श्रेणी में 107वें स्थान पर है। जबकि 2014 में 55वें स्थान पर था। आज नौ लोगों के पास 50 करोड़ लोगों के समान संपति है। कानून वोट से बनते है और वोट हमारी है और हम उस वोट के दम पर कानून भी नहीं बना सकते तो क्या फायदा। अबकी बार किसान की सरकार का नारा लेकर लोगों के बीच जाएंगें और पूरे देश के किसानों और मजदूरों को जागरूक किया जाएगा।

करनाल में 24 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में न्यौते के सवाल पर चढूनी ने कहा कि मेरे को तो एक साल से ही न्यौता देना बंद किया हुआ है। संयुक्त मोर्चा ने हमें पहले ही एक किनारे कर दिया है, क्योंकि हम बहुत अलग है।

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