मरण व्रत पर बैठे 121 किसानों के दबाव के कारण ट्रीटमेंट लेने के लिए राजी हुआ : डल्लेवाल

Punjab Farmer Protest (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब खनौरी बार्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को लेकर डल्लेवाल की देखरेख कर रहे डाक्टरों ने कहा कि मेडिकल ऐड लेने के बाद से अब उनकी सेहत में कुछ सुधार दिख रहा है। जल्द उनके ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आ जाएगी। वहीं ट्रीटमेंट लेने के बाद उनका पहला बयान सामने आया।

डल्लेवाल ने कहा कि मुझे ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं थी। जो 121 किसान मरण व्रत पर बैठे थे, उनके दबाव के कारण मैं ट्रीटमेंट लेने के लिए राजी हुआ। मोर्चा रोटी से नहीं, अकाल पूरख की मेहर से जीतना है। गुरु नानक मेहर करें, शरीर उनका है, उनकी मेहर से ही सब होगा। वाहेगुरु कृपा करे, संगत की भावना होगी तो 14 फरवरी की मीटिंग में भी जाएंगे। सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टर समय-समय पर उनका चेकअप कर रहे हैं। वहीं आठ सीनियर डाक्टर मोर्चे पर मौजूद हैं। डाक्टरों की कोशिश है कि 14 फरवरी को केंद्र से होनी वाली बैठक से पहले उनकी सेहत में सुधार किया जाए।

26 जनवरी को निकाला जाएगा ट्रैक्टर मार्च

किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि डा. स्वयमान सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक डल्लेवाल को खानपान शुरू करने का अनुरोध किया है, ताकि 14 फरवरी को बैठक में वह शामिल हो सकें। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 26 जनवरी को देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की हुई है।

किसान नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी को दोपहर 12 बजे से डेढ़ बजे तक किसान अपने ट्रैक्टर माल, टोल प्लाजा, भाजपा कार्यालयों के सामने या सड़कों के किनारे खड़े करेंगे। प्रदर्शन के लिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार उपरोक्त स्थानों में से किसी एक को चुना जाएगा। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले किसी भी लोक-कलाकार के खिलाफ सरकार ने रंजिशन कार्रवाई की, तो संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा चट्टान की तरह उनके साथ खड़े रहेंगे।

सरकार जल्द व सार्थक बैठक करे

सरवण सिंह पंधेर ने 21 जनवरी को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था। हालांकि केंद्र की तरफ से बातचीत का प्रस्ताव आने के बाद इसे स्थगित कर दिया। 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के बाद दिल्ली कूच पर निर्णय लिया जाएगा। पंधेर का कहना है कि सरकार से मांग है कि बैठक जल्दी की जाए। समय बहुत ज्यादा है। बैठका का स्थान नई दिल्ली होना चाहिए, क्योंकि ये देश के किसानों की मांग है। सरकार ने बजट की घोषणा कर दी, तो किसानों की बातचीत क्यों नहीं हो रही? संयुक्त किसान मोर्चा के साथ एकता का प्रयास चल रहा है। एकता एकदम से होनी आसान नहीं है।

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