गांव गोंदर में प्रशासन ने लगभग 17 एकड़ 19 कनाल में खड़ी धान की फसल को काटकर लिया अपने कब्जे में

0
247
Farmer did not deposit the lease amount
Farmer did not deposit the lease amount

इशिका ठाकुर,करनाल:
करनाल के गांव गोंदर में प्रशासन ने लगभग 17 एकड़ 19 कनाल में खड़ी धान की फसल को काटकर अपने कब्जे में ले लिया। प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो किसान ने पट्टे की राशि जमा नहीं करवाई थी।

पुलिस की मौजूदगी में धान की फसल को काटा

Farmer did not deposit the lease amount
Farmer did not deposit the lease amount

करनाल के गांव गोंदर में प्रशासन ने लगभग 17 एकड़ 19 कनाल में खड़ी धान की फसल को काटकर अपने कब्जे में ले लिया। प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो किसान ने पट्टे की राशि जमा नहीं करवाई थी। राशि वसूलने के लिए धान की फसल को कटवाया जा रहा है। वहीं अपनी आंखों के सामने जबरदस्ती फसल कटती देख किसान ओमप्रकाश का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उसने प्रशासन की आंखों के आगे ही आत्महत्या करने की धमकी तक दे डाली। बीडीपीओ गुरमालक सिंह के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और पुलिस की मौजूदगी में ही धान की फसल को काटा गया। इस फसल को बेचकर पंचायत के खातें में डाला जाएगा। वहीं किसान ने प्रशासनिक अधिकारियों पर जबरन फसल काटने के आरोप लगाए है। साथ ही यह भी दावा किया है कि इस जमीन का केस माननीय कोर्ट में चला हुआ है। इसके बावजूद भी प्रशासन उसकी फसल को काट रहा है।

वहीं किसान ओमप्रकाश का कहना है कि वह 1947 से जमीन को बोते आ रहे है लेकिन आज तक भी ग्राम पंचायत की ओर से इस जमीन की बोली नहीं हुई है। प्रशासन जबरदस्ती उनकी फसल को काट रहा है। वह हार्ट का मरीज है और नौबत यह आ गई है कि वह अब जी नहीं सकता। यदि प्रशासन उसकी फसल लेकर गया तो वह या तो सल्फास की गोली खाएगा या फांसी लेगा। वह अपनी समस्या को लेकर शासन से प्रशासन तक का दरवाजा खटखटा चुका है लेकिन उसकी किसी ने भी सुनवाई नहीं की। उसने कोर्ट केस भी किया हुआ है लेकिन उसके बावजूद भी उसकी फसल को काटा जा रहा है।

बीडीपीओ ने बताया है कि यह किसान उनका पट्टेदार था और उसने पट्टे की राशि जमा नहीं करवाई, इसलिए इस किसान की फसल को जब्त कर लिया गया। 17 एकड़ 19 कनाल में किसान की धान खडी हुई थी और प्रशासन ने किसान को 22 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन दी हुई थी। किसान ने 20 हजार रुपए की सिक्योरिटी राशि जमा करवाई थी और लगभग तीन लाख रुपए का चैक दिया हुआ था, लेकिन किसान ने पट्टे की राशि जमा नहीं करवाई। कई बार ग्राम सचिव ने भी किसान से निवेदन किया था और उन्होंने खुद भी किसान से कहा था लेकिन किसान ने जमा नहीं करवाई। किसान कोर्ट में गया था लेकिन केस डिसमिस हो गया था। जो फसल काटी गई है वह पंचायत के अकाउंट में जाएगी।

ये भी पढ़ें : डेंगू से बचाव के लिए अपने घर और आसपास रखें साफ : डॉ. राकेश पाली

ये भी पढ़ें :बिजली का कनेक्शन कटने का मैसेज भेज लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं साइबर अपराधी

ये भी पढ़ें :अगर किसी भूखे को खाना खिलाना राजनीतिक स्टंट है तो वह ऐसे स्टंट हमेशा करते रहेंगे: गर्ग

Connect With Us: Twitter Facebook